त्योहारी सीज़न के खर्च के कारण अक्टूबर में UPI से लेनदेन में इजाफा हुआ है. अक्टूबर में UPI नेटवर्क पर लेनदेन की संख्या 8.05 फीसद बढ़कर 1,141 करोड़ रही. वहीं सिंतबर में में 1,056 करोड़ और अगस्त में 1,058 ट्रांजेक्शन दर्ज की गई थी. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर में लेनदेन की संख्या सालाना आधार पर 56 फीसद अधिक थी.
सर्वत्र टेक्नोलॉजीज के संस्थापक और एमडी मंदार अगाशे ने अंग्रेजी अखबार हिन्दू बिजनेस लाइन को बताया कि, “इस उछाल का श्रेय विशेष रूप से ई-कॉमर्स क्षेत्र में बढ़े हुए उपभोक्ता जुड़ाव को दिया जाता है. उन्होंने कहा कि छोटे लेनदेन की संभावना के कारण वॉल्यूम को भी समर्थन मिला है.”
लेन-देन में मूल्य के आधार पर UPI में 8.61 फीसद की वृद्धि हुई है. सिंतबर में UPI के माध्यम से कुल 15.80 लाख करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है जबकि अक्टूबर में 17.16 लाख करोड़ रुपए के रिकॉर्ड लेनदेन हुए. इस लिहाज से लेन-देन की राशि एक वर्ष पहले की तुलना में 42 फीसद अधिक थी.
वित्त वर्ष 2024 में अब तक UPI लेनदेन मूल्य के लिहाज से सालाना आधार पर 40 फीसद से अधिक और मात्रा के लिहाज पर सालाना आधार पर 50 फीसद से ऊपर बनी हुई है. FY23 में, UPI प्लेटफ़ॉर्म ने ₹139 लाख करोड़ रुपए के 8,376 करोड़ लेनदेन संसाधित किए, जबकि FY22 में ₹84 लाख करोड़ के 4,597 करोड़ लेनदेन हुए.
वर्ल्डलाइन इंडिया के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, हेड-स्ट्रैटेजी, इनोवेशन एंड एनालिटिक्स, सुनील रोंगला ने कहा,“जनवरी 2018 में लेनदेन की संख्या 15.1 करोड़ थी; अक्टूबर 2023 में यह 1,100 करोड़ तक पहुंच गया. अगर अगले 18-24 महीनों में UPI लेनदेन प्रति माह 2,000 करोड़ तक पहुंच जाए तो कोई आश्चर्य नहीं होगा. उन्होंने कहा कि जिस चीज ने इस वृद्धि को टिकाऊ बनाया है और जो आगे चलकर इसका चालक बनेगी, वह है पर्सन-टू-मर्चेंट (पी2एम) लेनदेन में वृद्धि.”
वर्ल्डलाइन इंडिया के अनुसार, समग्र UPI लेनदेन में व्यक्ति-से-व्यापारी (पी2एम) ट्रेडों की हिस्सेदारी जनवरी 2022 में 40.3 फीसद से बढ़कर जून 2023 में 57.5 फीसद हो गई और इसके बढ़ने की उम्मीद है. जनवरी-जून के दौरान, पी2एम लेनदेन की मात्रा सालाना आधार पर 119 फीसद बढ़कर ₹2,915 करोड़ हो गई और मूल्य 72 फीसद बढ़कर ₹19 लाख करोड़ हो गया. दूसरी ओर, पी2पी लेनदेन की मात्रा 22 फीसद बढ़कर 2,275 करोड़ हो गई और लेनदेन का मूल्य 41 फीसद बढ़कर ₹64 लाख करोड़ हो गया.