हर पेमेंट के लिए सिंगल कार्ड क्‍यों चाहती है सरकार?

सरकार ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि नए जारी होने वाले कार्ड या रीन्यू होने वाले कार्ड में नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड की सुविधा होनी चाहिए

हर पेमेंट के लिए सिंगल कार्ड क्‍यों चाहती है सरकार?

करीब 4 साल पहले स रकार ने वन नेशन वन कार्ड की टैगलाइन तले जिस नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड को लॉन्च किया था, अब जल्द ही देश के अधिकतर नागरिकों के पास उस तरह का कार्ड उपलब्ध होगा. सरकार ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि नए जारी होने वाले कार्ड या रीन्यू होने वाले कार्ड में नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड की सुविधा होनी चाहिए. सरकार ने बैंकों से कहा है कि अब वे ऐसे कार्ड ही जारी करें जिसमें कॉन्टेक्‍टलेस पेमेंट ऑप्शन भी उपलब्‍ध हो.  सरकार ने पहली बार मार्च 2019 में इस तरह के कार्ड को लॉन्‍च किया था.

मोबिलिटी इनेबल्‍ड कार्ड्स को साधारण डेबिट कार्ड की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. यानी इनके जरिए ATM से पैसे निकाल सकते हैं और ऑफलाइन या ऑनलाइन पेमेंट भी कर सकते हैं. बिना पिन डाले आप ऑफलाइन शॉपिंग भी कर सकते हैं. इसके साथ ही साथ डिजिटल वॉलेट की तरह भी इन कार्ड का इस्तेमाल किया जा सकता है. देश भर में जहां-जहां मेट्रो चलती है, वहां इनका इस्तेमाल ट्रांसपोर्ट कार्ड के रूप में किया जा सकता है. इतना ही नहीं टोल बूथ से लेकर पार्किंग में भुगतान के लिए भी इसी कार्ड का इस्तेमाल किया जा सकता है.

इस निर्देश के जरिए सरकार रुपे कार्ड को भी बढ़ावा देना चाहती है. दरअसल देश में नेशनल कॉमन मोबिलिटी की सुविधा वाले अधिकतर कार्ड रुपे ही जारी करता है. अब बैंकों को क्योंकि कॉमन मोबिलिटी सुविधा वाले कार्ड जारी करने को कहा गया है, तो जाहिर है कि रुपे कार्ड ही ज्यादा जारी होंगे. वीजा या मास्टरकार्ड भी अपने कार्ड्स में अगर इस तरह के फीचर्स शामिल करते हैं तो उनके कार्ड्स को भी बढ़ावा मिलेगा.

रुपे कार्ड को साल 2012 में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ( National Payments Corporation of India) ने शुरु किया था लेकिन अभी तक रुपे कार्ड नेटवर्क, वीजा और मास्टरकार्ड जैसे नेटवर्क के मुकाबले काफी पीछे है. हालांकि डेबिट कार्ड बाजार में रुपे कार्ड का दबदबा बढ़ रहा है.

RBI की एक रिपोर्ट बताती है कि देश में कुल जितने क्रेडिट कार्ड हैं उनमें से रुपे क्रेडिट कार्ड की हिस्सेदारी 3 फीसद से भी कम है. लेकिन पिछले साल जनवरी तक देश में जितने डेबिट कार्ड जारी किए गए थे, उनमें से 65 फीसद रुपे  कार्ड थे. RBI की रिपोर्ट भी बताती है कि ई-कॉमर्स से खरीदारी में रुपे कार्ड की हिस्सेदारी 13 फीसद है.

सरकार भारतीय कार्ड बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाना चाहती है. साथ ही डोमेस्टिक कार्ड नेटवर्क को मजबूत करना चाहती है और विदेशी कार्ड नेटवर्क्स की डुओपोली से बाजार को बचाना चाहती है, इसलिए रुपे कार्ड को नया विकल्प बनाने पर जोर दिया जा रहा है. बैंकों को दिए नए निर्देश से सरकार रुपे कार्ड को मजबूत कर रही है.

Published - July 19, 2023, 05:37 IST