बीमा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) अपने डिजिटल बदलाव के तहत एक वित्तीय प्रौद्योगिकी इकाई स्थापित करने की संभावना तलाश रही है. एलआईसी के चेयरमैन सिद्धार्थ मोहंती ने कहा कि एलआईसी ने संपूर्ण डिजिटल बदलाव परियोजना डीआईवीई (डिजिटल इनोवेशन एंड वैल्यू एन्हांसमेंट) शुरू की है. परियोजना को चलाने के लिए एक सलाहकार नियुक्त किया गया है. उन्होंने कहा कि हमारा मकसद परियोजना डीआईवीई के जरिए अपने सभी हितधारकों, ग्राहकों, मध्यस्थों, विपणन संबंधी लोगों और हर किसी के लिए श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ डिजिटल पहल स्थापित करना है.
उन्होंने कहा कि एलआईसी को ज्यादातर नए ग्राहक अपने एजेंट के जरिए मिलते हैं. इसके बाद अन्य क्षेत्रों में भी बदलाव देखने को मिलेगा. दावा निपटान, ऋण तथा अन्य सेवाएं जैसी सेवाएं एक बटन के ‘क्लिक’ पर उपलब्ध कराई जाएंगी. मोहंती ने कहा कि ग्राहकों को कार्यालय आने की जरूरत नहीं है. वह घर बैठे अपने मोबाइल के जरिए हमारी जरूरी सेवाओं तक पहुंच बना सकते हैं. हम वित्तीय प्रौद्योगिकी पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और व्यवसाय के विस्तार में इसकी क्षमता का इस्तेमाल करेंगे.
एलआईसी ने उत्पाद वितरण के लिए चालू वर्ष में अब तक तीन वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों को कॉर्पोरेट एजेंट के रूप में जोड़ा है. एलआईसी ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 में नई पॉलिसी के प्रीमियम में दहाई अंक मे वृद्धि हासिल करने के उद्देश्य से आने वाले महीनों में तीन से चार नए उत्पाद पेश करने की योजना बनाई है. उन्होंने कहा कि एलआईसी दिसंबर के पहले सप्ताह में एक नई सेवा पेश करने जा रही है. उम्मीद है बाजार में इसे अच्छी प्रतिक्रिया मिलेगी. नई सेवा की कुछ विशेषताएं साझा करते हुए मोहंती ने कहा कि यह सुनिश्चित रिटर्न प्रदान करेगी और इसके पूर्ण होने के बाद बाद पॉलिसीधारक को जीवन भर बीमा राशि का 10 फीसद मिलेगा.
उन्होंने विश्वास जताया कि नई सेवा बाजार में हलचल लाएगी क्योंकि हर कोई जानना चाहता है कि वह कितना भुगतान कर रहा है और 20-25 वर्षों के बाद उसे कितना प्रतिफल मिलेगा. उन्होंने कहा कि इसके अलावा ऋण सुविधा और समय से पहले निकासी भी इस नई सेवा की विशेषताओं में शामिल है.
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