कार्ड पेमेंट ऑर्गेनाइजेशन वीजा (Visa) ने ई-कॉमर्स साइट से खरीदारी करने सहित अन्य सर्विस की खातिर टोकनाइज्ड क्रेडिट और डेबिट कार्ड के लिए सीवीवी-फ्री (CVV-free) पेमेंट की सुविधा शुरू कर दी है. इसका मतलब है कि इन कार्ड से पेमेंट करने पर सीवीवी डालने की जरूरत नहीं होगी.
कैसे काम करेगा सीवीवी-फ्री टोकनाइजेशन?
इसे जो भी मर्चेंट अडोप्ट करेंगे, उन्हें भारत में कस्टमर के हर बार ट्रांजेक्शन करने पर इसके लिए कार्ड के पिछले हिस्से में दर्ज सीवीवी नहीं मांगना होगा. जब भी कस्टमर मर्चेंट यानी किसी ई-कॉमर्स साइट पर अपने कार्ड का टोकनाइजेशन करेंगे, तब केवल एक बार, उसी समय उन्हें 3 अंकों का सीवीवी देना होगा. इसके बाद अगले ट्रांजैक्शन से इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी.
क्या होंगे फायदे?
सीवीवी-फ्री फीचर से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन और आसान हो जाएगा. टाकनाइजेशन से कार्ड डिटेल्स एक यूनिक कोड से छिप जाते हैं, यानी कार्ड डिटेल्स की जगह केवल एक कोड दिखाई देता है. इससे ट्रांजैक्शन ज्यादा सुरक्षित होते हैं. साथ ही टोकनाइज्ड ट्रांजैक्शन टू-फैक्टर ऑथेंटिकेटेड हैं, यानी आपको ट्रांजैक्शन दो बार सत्यापित करना होगा, एक बार तो टोकनाइजेशन के समय और बाद में ओटीपी डालते समय.
क्या है टोकनाइजेशन?
टोकनाइजेशन से कस्टमर के लिए मर्चेंट वेबसाइट पर 16 अंकों का डेबिट या क्रेडिट कार्ड नंबर, सीवीवी और एक्सपायरी डेट जैसे डिटेल्स जानने की जरूरत खत्म हो जाती है. इससे एक और फायदा यह है कि यूजर साइबर फ्रॉड के खतरे से बच जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि ऑनलाइन मर्चेंट कस्टमर के कार्ड के डिटेल्स सेव नहीं करते बल्कि केवल टोकन सेव होता है. साथ ही एक ही टोकन का इस्तेमाल अलग-अलग साइट पर नहीं होता. हर ई-कॉमर्स साइट के लिए अलग टोकन जेनरेट करना होगा.
वीजा कार्ड के साथ यह सुविधा जोमैटो (Zomato) जैसे ई-कॉमर्स ऐप और रेजरपे (Razorpay) जैसे पेमेंट सर्विस ऐप पर शुरू हो चुकी है. इस समय यूपीआई (UPI) पेमेंट की वजह से कार्ड खासकर डेबिट कार्ड का इस्तेमाल घटता जा रहा है. वीजा भारत में सबसे बड़ी कार्ड स्कीम कंपनी है और ऐसे में वीजा की इस सुविधा से कार्ड का इस्तेमाल बढ़ सकता है.