देश में यूपीआई (UPI) पेमेंट का चलन बढ़ता जा रहा है. आज चाहे कोई रिक्शावाला हो या एक फैंसी शोरूम, आपको सभी जगह UPI से पेमेंट करने की सुविधा मिलेगी. आपने ज्यादातर दुकानों पर PAYTM या फोनपे जैसी फिनटेक ऐप्स के QR कोड या साउंड बॉक्स लगे देखे होंगे. अब UPI के बढ़ते चलन का फायदा उठाने के लिए बैंक भी इस तरह के मर्चेंट आउलेट्स पर अपने क्यूआर (QR) कोड लगा रहे हैं.
हाल के महीनों में कई निजी बैंकों ने QR कोड पेमेंट सिस्टम को तेजी से अपनाया है और ICICI बैंक इस कारोबार में अन्य बैंकों से आगे निकल गया है. इसके अलावा एक्सिस बैंक और HDFC बैंक भी QR कोड के कारोबार को बढ़ा रहे हैं.
इस बारे में बैंकिंग एक्सपर्ट सुरेश बंसल का कहना है कि जब तक बैंकों ने QR कोड की सुविधा शुरू नहीं की थी, वह लेनदेन के लिए पीओएस (POS) मशीन पर निर्भर थे. इन मशीनों का इस्तेमाल डेबिट या कार्ड से भुगतान के लिए किया जाता है. बैंकों को लग रहा था कि क्रेडिट-डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करके करंट अकाउंट होल्डर्स उनके साथ बने रहेंगे. लेकिन जब से QR कोड से मर्चेंट बिजनेस शुरू हुआ है, तब से क्रेडिट कार्ड-डेबिट की उपयोगिता कम हो गई. दूसरा यह कि मर्चेंट ऐप के जरिए अपने बिजनेस के लेनदेन को दिन में तीन से चार बार देख लेती है, जबकि POS मशीन के साथ मुमकिन नहीं हैं.
इसलिए बैंक अब अपनी खुद की ऐप्स ला रहे हैं जिससे ज्यादा से ज्यादा मर्चेंट्स उनसे जुड़ें. खुद की टेक्नोलॉजी इस्तेमाल करने का बैंकों को यह फायदा भी होगा कि अब उन्हें फिनटेक कंपनियों की सेवा इस्तेमाल करने के लिए उन्हें भुगतान नहीं करना पड़ेगा. कस्टमर आधार बढ़ाने से बैंक पास ज्यादा कस्टमर का डेटा भी इकट्ठा कर पाएंगे.
एक्सिस बैंक की इन्स्टाबिज एप्लिकेशन हो या फिर HDFC की व्यापार ऐप, बैंक इन ऐप्स के जरिए ज्यादा से ज्यादा व्यापारियों को अपने साथ जोड़ना चाहते हैं. ICICI बैंक की ऐप पर 1.5 मिलियन एक्टिव यूजर्स हैं. फिनटेक कंपनियों की बात करें तो पेटीएम ने मार्च तिमाही में 2,313 करोड़ रुपए का मर्चेंट लोन बांटा है. इसमें 6.8 मिलियन सक्रिय व्यापारी हैं जिनके पास पेटीएम की सदस्यता लेते हैं.