Tax Free Investment in PF: लोकसभा में फाइनेंस बिल 2021 पास हो गया है. बिल में कुछ संशोधन किए गए हैं. खासकर आपके EPF को लेकर बड़ी राहत दी गई है. सरकार ने प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) में निवेश के ब्याज पर छूट मिलने की सीमा को 2.5 लाख रुपए बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया है. हालांकि, यहां एक शर्त लगाई गई है. ये छूट सिर्फ उस मामले में होगी, जहां नियोक्ता यानि एम्प्लॉयर का कंट्रीब्यूशन काउंट नहीं होगा.
आसान शब्दों में समझें तो नियोक्ता की तरफ से किए गए प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) में कंट्रीब्यूशन को इस लिमिट में शामिल नहीं किया गया है. सिर्फ आपके EPF योगदान को 5 लाख रुपए तक टैक्स फ्री रखा गया है. अगर एक PF अकाउंट में एम्प्लॉई और एम्प्लॉयर दोनों का योगदान है तो यह लिमिट 2.5 लाख रुपए ही होगी. वहीं, कुछ संस्थान या ट्रस्ट ऐसे हैं, जहां एम्प्लॉयर का कंट्रीब्यूशन नहीं होता, वहां भी यह लिमिट 5 लाख रुपए होगी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इससे प्रोविडेंट फंड में निवेश (Tax Free Investment in PF) करने वाले सिर्फ 1 फीसदी लोगों पर असर पड़ेगा, क्योंकि बाकी लोगों का पीएफ में योगदान 2.5 लाख रुपए से कम है. इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि अगर आप अपने ईपीएफ खाते में 2.5 लाख रुपए से ज्यादा का निवेश किया तो अतिरिक्त निवेश के ब्याज पर टैक्स चुकाना होगा. क्योंकि, उसमें नियोक्ता भी योगदान देता है. वहीं, अगर आप वॉलिंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF) में निवेश करते हैं तो आप 5 लाख रुपए तक के कुल पीएफ निवेश पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स छूट पा सकते हैं.
बजट में आपके प्रोविडेंट फंड पर 2.5 लाख रुपए से ऊपर के निवेश पर मिलने वाले ब्याज को टैक्स के दायरे में लाया गया था. इसके बाद लगातार विरोध हुआ तो सरकार ने इस पर मंथन करने का फैसला किया. मंथन के बाद सरकार ने यह फैसला किया कि इस लिमिट को बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया जाए. लेकिन, एम्प्लॉयर के कंट्रीब्यूशन को इससे बाहर रखा जाए.
बजट में 2.5 लाख रखी गई थी लिमिट प्रोविडेंट फंड (EPF) में ज्यादा पैसे निवेश कर टैक्स फ्री ब्याज का फायदा लेने वालों को बजट 2021 में तगड़ा झटका दिया गया था. अच्छी कमाई करने वाले लोग अब तक टैक्स-फ्री हेवेन के तौर पर पीएफ का इस्तेमाल करते थे, पर बजट ने वो छूट खत्म कर दी गई. नई व्यवस्था के तहत एक साल में 2.5 लाख रुपए से ज्यादा प्रोविडेंट फंड जमा करने पर मिलने वाला ब्याज टैक्स के दायरे में आना था. इससे हाई-इनकम सैलरीड लोग सीधे तौर पर प्रभावित होते, जो टैक्स फ्री इंट्रेस्ट कमाने के लिए पीएफ का इस्तेमाल करते थे.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।