Cycle Sharing:अहमदाबाद के 35 वर्षीय डेंटल सर्जन मनीष पटेल के घर और क्लीनिक का फासला 4 किलोमीटर है.
मनीष रोज सुबह उनकी सोसायटी के बाहर रखी गई 10 साइकिल में से किसी एक का बारकोड स्कैन करते हैं और लॉक खुलते ही साइकिल लेकर क्लीनिक चले जाते हैं.
पिछले साल से मनीष ने ये आदत डाली है, जिसके कारण उनका पेट्रोल का खर्चा 2,500 रुपये तक कम हो गया है. मनीष जैसे कई लोग किराए पर मिल रही पब्लिक बाइसिकल-शेयरिंग (Cycle Sharing) सर्विस का फायदा उठा रहे हैं.
इस सर्विस के तहत आप निजी साइकिल खरीदे बिना मामूली दरों पर साइकिल किराए पर ले सकते हैं.
साइकिल किराए पर देने के लिए मोबाइल-एप से काम कर रही वेबसाइट को Mybyk अहमदाबाद, उदयपुर, मुंबई और कोची मिली सफलता को देख कर दूसरी कंपनियां भी ऐसी सर्विस शुरू करने लगी हैं.
जैसे मैसूर में ट्रिन ट्रिन एप लॉन्च की गई है. चार्टर्ड बाइक ने सूरत, रांची, भोपाल और कोलकाता जबकि स्मार्ट बाइक ने दिल्ली और हैदराबाद में ऐसी सर्विस शुरू की है.
Mybyk ने 2014-2020 तक अहमदाबाद में 3,000 साइकिल सेवा में लगाई थी. लॉकडाउन के बाद 2020-2021 में एक बार फिर कंपनी ने 3,000 और साइकिल तैनात की हैं.
साइकिल किराए पर लेने की मांग बढ़ रही है, जिसे देखते हुए Mybyk ने 6-8 महीने में 20,000 साइकिल तैनात करके अहमदाबाद को बाइसिकल-कैपिटल बनाने का टार्गेट सेट किया है.
अहमदाबाद में 6,000 से अधिक साइकिल तैनात करने वाली Mybyk को हाल ही में इंवेस्टर्स से 10 लाख डॉलर का फंड मिला है.
पब्लिक-बाइसिकल शेरिंग स्कीम्स के तहत कम कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन केंद्रों के जरिए अंतिम मील कनेक्टिविटी प्रदान हो रही है.
इसके अतिरिक्त, लंबी अवधि की सदस्यता जैसे अनोखे प्राइसिंग मॉडल के माध्यम से, ज्यादा से ज्यादा लोग इस किफायती ट्रान्सिट का हिस्सा बन रहे हैं.
इस सर्विस के तहत आप एक घंटे, एक दिन, एक सप्ताह या एक महिने के लिए रेंटल स्कीम चुन सकते हैं.
भारत में लगभग 35% व्हीकल ट्रिप छोटी ट्रिप (5 किलोमीटर से कम) होती हैं, इसलिए साइकिल का उपयोग करके यात्राएं करने का एक बड़ा बाजार विकसित होने की संभावना है.
लॉकडाउन में टाइम पास के लिए लोगों ने साइकिल को सहारा बनाया था, जिसके कारण प्रीमियम से लेकर बेसिक साइकिल की मांग कई गुना इजाफा हुआ है. वहीं, पब्लिक-शेयरिंग बाइसिकल भी काफी लोकप्रिय हो रही है.
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के मुताबिक, साइकिल की मांग 20% बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि लॉककडाउन के कारण लोगों में फिटनेस जागरूकता बढ़ी है.
भारत का साइकिल उद्योग इस वित्त वर्ष में 20% की दशकीय-उच्च मांग वृद्धि की ओर बढ़ रहा है, जिसकी बिक्री पिछले वित्त वर्ष की 1.2 करोड़ यूनिट की तुलना में 1.45 करोड़ यूनिट तक पहुंचने की संभावना है.
ऑल इंडिया साइकिल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (AICMA) के अनुसार, 2020 में साइकिल उद्योग के 15-20% के बीच बढ़ने की उम्मीद है, जो पिछले वर्ष 5-7% था.