ब्रिटेन-स्वीडन दवा कम्पनी ‘एस्ट्राजेनेका’ और अमेरिका की दवा कम्पनी ‘नोवावैक्स’ ने सांसदों से कहा कि वे ‘सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया’ (SII) के साथ साझेदारी कर कोविड-19 के टीके का उत्पादन बढ़ाने को तैयार हैं. महाराष्ट्र के पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया टीके सहित प्रतिरक्षात्मक दवाओं का एक प्रमुख निर्माता है. यह एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित टीके का उत्पादन कर रहा है. इसे स्थानीय तौर पर ‘कोविशील्ड’ के नाम से जाना जाता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस महीने कोविशील्ड के आपात इस्तेमाल की अनुमति दी थी साथ ही विश्व के निम्न और मध्यम आय वाले देशों को इसकी आपूर्ति को भी मंजूरी दी थी.
एस्ट्राजेनेका के बायोफर्मास्यूटिकल व्यवसाय के अध्यक्ष रूड डोब्बर ने कहा, हमारे साझेदार ‘सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया’ के साथ मिलकर हमने टीके की वैश्विक और न्यायसंगत पहुंच की प्रतिज्ञा के तहत 2021 की पहली छमाही में कोवैक्स के जरिए 145 देशों को 30 करोड़ खुराक देने की योजना बनाई गई.
‘यूएस हाउस एनर्जी एंड कॉमर्स कमेटी’ की निगरानी और जांच उपसमिति में ‘पाथवे टू प्रोटेक्शन: एक्सपैंडिंग अवेलेबिलिटी ऑफ कोविड-19 वैक्सीन’ पर हो रही सुनवाई में डोब्बर ने कहा, अधिकतर आपूर्ति निम्न और मध्यम आय वाले देशों को की जाएगी. सुनवाई का उद्देश्य टीका निर्माताओं के अमेरिका में कोविड-19 टीकों को विकसित करने और उसका उत्पादन बढ़ाने को लेकर चल रहे प्रयासों पर गौर करना था.
यूरोपीय संघ के कार्यक्रम और डब्ल्यूएचओ समर्थित ‘कोवैक्स’ पहल के जरिए सभी जरूरतमंद देशों के लोगों को टीका उपलब्ध कराए रहे हैं. ‘नोवैक्स’ के कार्यकारी उपाध्यक्ष जॉन ट्रीजिनो ने भी उपसमिति के सदस्यों को यही आश्वासन दिया. ट्रीजिनो ने एक सवाल के जवाब में कहा, उत्पादन अभी उस स्तर तक नहीं बढ़ाया गया है लेकिन अमेरिका में हमारे नोवावैक्स प्रतिष्ठान में और हमारे सहयोगी भारत के सीरम इंस्टीट्यूट, दोनों में वैश्विक आपूर्ति क्षमताएं हैं और हमें विश्वास है कि हम इसे जल्द और बढ़ा सकते हैं.