कई बार बच्चों की आगे की एजुकेशन के लिए बैंकों या किसी अन्य वित्तीय संस्थानों से एजुकेशन लोन (Education Loan) लिया जाता है. इसमें सभी बैंकों की लोन देने की अपनी प्रक्रिया होती है. वहीं सभी बैंकों के इंटरेस्ट रेट भी अलग होते हैं. ऐसे में अगर आप एजुकेशन लोन (Education Loan) लेने जा रहे हैं तो हम आपको 5 ऐसे बैंकों के बारे में बता रहे हैं जो बेहद कम इंटरेस्ट रेट पर एजुकेशन लोन (Education Loan) दे रहे हैं.
एजुकेशन लोन के लिए इन शर्तों को पूरा करना जरूरी
– छात्र भारत का ही नागरिक हो
– अप्रूव्ड एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन में एडमिशन वेरिफाइड होना चाहिए
– लोन आवेदन के लिए आयु का भी नियम है
– इसमें कम से कम 18 साल और अधिकतम आयु 35 साल होनी चाहिए
– विवाहित आवेदकों के मामले में फुल-टाइम प्रोग्राम लेने वाले छात्रों के पास माता-पिता / अभिभावक या जीवनसाथी / पैरेंट-इन-लॉ को सह-आवेदक होना चाहिए
लोन के लिए इन दस्तावेजों की होगी जरूरत
– एप्लिकेशन फॉर्म के साथ 2 पासपोर्ट साइज फोटो
– छात्र और उसके माता-पिता का आधार / पैन कार्ड, आयु प्रमाण
– आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस
– रेसिडेंस प्रूफ
– छात्र के पिछले 6 महीनों का बैंक स्टेटमेंट
– राशन कार्ड की कॉपी और यूटिलिटी बिल, किराये का एग्रीमेंट
– इनकम प्रूफ (माता-पिता, अभिभावक या सह-उधारकर्ता का फॉर्म 16, पिछले 3 महीनों की सैलेरी स्लिप, बैंक स्टेटमेंट या उधारकर्ता के पिछले 6 महीनों की अपडेट पासबुक, हाल ही में भरा गया आईटीआर) शामिल है
ये बैंक दे रहे हैं सस्ता एजुकेशन लोन
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया सबसे सस्ता एजुकेशन लोन (Education Loan) ऑफर कर रहा है. इसकी एजुकेशन लोन ब्याज दर 6.8 फीसदी से शुरू होती है. वहीं सात साल की रीपेमेंट अवधि के साथ 20 लाख रुपये का एजुकेशन लोन (Education Loan) सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 6.85 फीसदी की ब्याज दर पर ऑफर कर रहा है. वहीं SBI, PNB में ब्याज दर 6.9 फीसदी है. इस समय बैंक ऑफ महाराष्ट्र में 7.05 फीसदी और इंडियन बैंक में 7.15 फीसदी की ब्याज पर एजुकेशन लोन मिल जाएगा. ये ब्याज दरें 20 लाख रु तक के लोन के लिए हैं.
ऑनलाइन भी कर सकते हैं आवेदन
एजुकेशन लोन (Education Loan) डॉक्यूमेंटेशन के लिए किसी भी फिजिकल दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होती है. ये प्रोसेस काफी तेज होगी और बैंकों से फिजिकल विजिट के पूछे बिना इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ही पूरी की जा सकती है. हालांकि प्रोसेस अलग-अलग बैंकों या उधार देने वाले संस्थानों द्वारा तय की गयी शर्तों के आधार पर भिन्न हो सकती है. इसके अलावा आवश्यक दस्तावेजों के साथ अप्लाई करने में अगर आप कामयाब न हुए तो लोन आवेदन कर दिया जाएगा. आप सरकार की विद्यालक्ष्मी योजना के माध्यम से भी लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं.
15 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा खर्च
एक अध्ययन के अनुसार पढ़ाई का खर्च सालाना 15 फीसदी की दर से बढ़ रहा है. इस समय अगर पढ़ाई का खर्च 2.5 लाख रुपये है तो 15 साल बाद एमबीए करने में 20 लाख रुपये खर्च होंगे. अगर कोई पैरेंट अभी से 15 सालों तक हर महीने 2000 रुपये का निवेश करता है और इस पर औसत रिटर्न 12 फीसदी मान लें तो वह करीब 9 .5 लाख रुपये ही जोड़ पायेगा.
एजुकेशन लोन में मिलते हैं ये फायदे
एजुकेशन लोन (Education Loan) में कोर्स की बेसिक फीस और कॉलेज के दूसरे खर्च (रहने, एग्जाम और अन्य) कवर होते हैं. भारत में पढ़ाई या उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले छात्र लोन ले सकते हैं. दोनों जगह पढ़ाई के लिए लोन की रकम अलग हो सकती है. रीपेमेंट लोन को छात्र चुकाता है. आमतौर पर कोर्स खत्म होने के छह महीने बाद रीपेमेंट शुरू हो जाता है, कई बार बैंक छह महीने की मोहलत भी देते हैं. यह मोहलत जॉब पाने के छह महीने भी हो सकती है या कोर्स खत्म होने के बाद एक साल की हो सकती है. पांच से सात साल में यह लोन चुकाना होता है, कई बार बैंक इसे आगे बढ़ा सकते हैं. कोर्स की अवधि के दौरान लोन पर ब्याज सामान्य ही होता है और इएमआई के रूप में यह ब्याज चुकाना होता है, जिससे कोर्स पूरा होने के बाद छात्र पर ज्यादा बोझ न पड़े.
लोन लेने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
सावधानी लोन के लिए आवेदन करते वक्त उसकी प्रोसेसिंग, प्री पेमेंट, लेट पेमेंट फीस आदि के बारे में चेक करना चाहिए. अधिकतर बैंक लोन एमाउंट का 0 .15 फीसदी प्रोसेसिंग फीस वसूलते हैं. इनकम टैक्स में छूट आयकर कानून के सेक्शन 80E के तहत लोन के ब्याज के रूप में चुकाई गयी रकम पर छूट मिलती है. यह छूट किसी व्यक्ति को खुद, बच्चों या कानूनी माता-पिता द्वारा बच्चे की शिक्षा के लिए लिए गए लोन के चुकाए गए ब्याज पर मिलती है. लोन के कुल ब्याज को आप अपनी कर योग्य आय में से घटा सकते हैं. यह छूट अधिकतम आठ सालों तक ली जा सकती है. निष्कर्ष एजुकेशन लोन एक शुरुआती लोन के रूप में आपकी क्रेडिट रेटिंग को बेहतरीन बनाने में मददगार साबित हो सकता है. इसके लिए जरुरी है कि आप सही समय पर इसे चुका दें. इससे आपके लिए भविष्य में होम, कार या दूसरे लोन आसानी से पाने का मौका मिलेगा.
एजुकेशन लोग की प्रक्रिया
छात्र या फिर उनके माता पिता को उस बैंक से एजुकेशन लोन (Education Loan) लेना आसान होगा, जहां उनका खाता हो। बच्चा जिस एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में पढ़ने जा रहा है वह सरकार से मान्यता प्राप्त हो। एजुकेशन लोग दो प्रकार का होता है। एक तो देश में किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से पढ़ाई के लिए और दूसरा विदेश में पढ़ाई करने के लिए। 4 लाख से एजुकेशन लोन की शुरुआत होती है, जो 20 लाख से ज्यादा भी हो सकती है।
कोरोना के बाद से एजुकेशन लोन नहीं ले रहे लोग
वित्तीय सत्र 2020 में जिले को एजुकेशन लोन (Education Loan) के लिए 181 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन सितंबर माह तक 8 करोड़ 43 लाख रुपये का ही एजुकेशन लोन लिया गया है. बताया कि साल 2019 में 216.55 करोड़ रुपयों का बैंकों से एजुकेशन लोन लिया गया था. जबकि 2020 में 78.42 करोड़ रुपयों का ही एजुकेशन लोन लिया गया है. छात्र कोरोना की डर से इस बार एजुकेशन लोन के अप्लाई ही नहीं किया. पिछले साल की अपेक्षा साल 2020 में अब्राड लोन यानी विदेश में पढ़ाई के लिए लिये जाने वाले लोन के आवेदन में 25 प्रतिशत की गिरावट आई है.