इंडिया बनेगा 100% साक्षर, नई शिक्षा नीति के तहत शुरू होगा ‘नव भारत साक्षरता कार्यक्रम’

Education Policy: अधिकारियों ने बताया कि प्रौढ़ शिक्षा की नयी योजना को लेकर व्यय वित्त समिति (ईएफसी) के नोट को अंतिम रूप दिया जा रहा है.

  • Team Money9
  • Updated Date - February 22, 2021, 05:42 IST
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सरकार 2030 तक शत-प्रतिशत साक्षरता के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रौढ़ शिक्षा की नयी योजना ‘नव भारत साक्षरता कार्यक्रम’ शुरू करने जा रही है. इसमें नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) के विभिन्न सुझावों एवं सिफारिशों को लागू किया जाएगा. वरिष्ठ अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने ‘भाषा’ को बताया, ‘‘प्रौढ़ शिक्षा संबंधी यह केंद्र प्रायोजित नयी योजना वर्ष 2021-26 के दौरान लागू की जाएगी.”

उन्होंने कहा कि नव भारत साक्षरता कार्यक्रम को लेकर विभिन्न पक्षों से गहन विचार विमर्श किया गया है.

पिछले महीने केंद्रीय स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में 35 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा सचिवों, राज्य परियोजना निदेशकों एवं प्रदेश साक्षरता मिशन अधिकारियों ने हिस्सा लिया था और सुझाव दिये थे. उन्होंने अपने अपने प्रदेशों में इस योजना को लागू करने पर सहमति व्यक्त की थी.

अधिकारियों ने बताया कि प्रौढ़ शिक्षा की नयी योजना (Education Policy) को लेकर व्यय वित्त समिति (ईएफसी) के नोट को अंतिम रूप दिया जा रहा है.

सरकार ने प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम के तहत ‘पढ़ना लिखना अभियान’ शुरू किया है जिसके तहत 15 वर्ष या इससे अधिक उम्र के लोग पढ़ाई कर साक्षर हो सकें. इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि ‘पढ़ना लिखना अभियान’ 31 मार्च 2021 तक के लिए है.

नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) में प्रौढ़ शिक्षा को लेकर कई सिफारिशें की गई हैं, ऐसे में नयी योजना में इन सिफारिशों को शामिल किया जाएगा.

इस नयी योजना को ‘पढ़ना लिखना अभियान’ से जोड़कर आगे बढ़ाया जाएगा और इसमें जीवन कौशल एवं अन्य तत्वों का समावेश किया जायेगा. इसमें महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक और अन्य वंचित समूहों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.

अधिकारियों का कहना है कि इसमें उन जिलों को प्राथमिकता होगी जहां वर्तमान जनसंख्या के अनुसार महिलाओं की साक्षरता दर 60 प्रतिशत से नीचे है.

इस योजना में जागरूकता अभियान के तहत गांव, पंचायत, प्रखंड और शहरों में गोष्ठियां होंगी और इसमें पंचायती राज संस्थान, महिला मंडल, शैक्षणिक संस्थान, स्वयंसेवी संगठनों को शामिल किया जाएगा.

अधिकारियों का कहना है कि इसके तहत पाठ्य सामग्री एवं पाठ्यक्रम बनाने का काम राज्यों का होगा.

लोगों के साक्षर बनाने के साथ समाचारपत्र का शीर्षक पढ़ने, यातायात चिह्न समझने, आवेदन पत्र भरने, चिट्ठी लिखने-पढऩे, दो अंकों का जोड़, घटाना, गुणा, भाग का ज्ञान दिया जाएगा.

इसके तहत राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान (NIOS) साक्षरता मूल्यांकन के विषय पर नजर रखेगा.

Published - February 22, 2021, 05:42 IST