बच्चों के 3 साल के होते ही पेरेंट्स के सामने बच्चे की पढ़ाई का सवाल पैदा हो जाता है. और जब पेरेंट्स बच्चे के एडमिशन के लिए स्कूलों के चक्कर लगाना शुरू करते हैं तो उन्हें नई फिक्र शुरू होती है कि आखिर उन्हें बच्चे की पढ़ाई के लिए कितने पैसे अलग से रखने होंगे. यह फिक्र न केवल स्कूल की एजूकेशन की होती है, बल्कि पेरेंट्स को अक्सर इस पर भी दिमाग लगाना पड़ता है कि आगे जाकर बच्चे के कॉलेज, ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन पर कितना पैसा खर्च होगा. उन्हें इसके लिए कितना पैसा बचाना चाहिए और इसके लिए क्या प्लानिंग होनी चाहिए.
ज्यादातर पेरेंट्स के सामने ये फिक्र होती है. प्राइमरी स्कूल से ही बच्चों की फीस और पढ़ाई के दूसरे खर्च इतने बड़े होते हैं कि उन्हें दरकिनार नहीं किया जा सकता है. हर साल पढ़ाई का खर्च बढ़ रहा है. ऐसे में दो सवाल पैदा होते हैं. पहला, बच्चे के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए उच्च शिक्षा पर कितना पैसा बचाना पड़ेगा? दूसरा सवाल ये होता है कि इस पूंजी को बचाया कैसे जाए?
यहां हम बता रहे हैं कि बच्चों की पढ़ाई के लिए आप कैसे फंड इकट्ठा कर सकते हैं और बाद में अचानक पड़ने वाले बोझ से बच सकते हैं.
कितना खर्च होगा उच्च शिक्षा पर?
याद रखिए मौजूदा वक्त में पढ़ाई का जो खर्च है वो अगले 15-16 साल में कई गुना बढ़ जाएगा. इस लिहाज से देखा जाए तो देश के अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेजों में इंजीनियरिंग के लिए फिलहाल करीब 15-20 लाख रुपये खर्च करने पड़ते हैं. यह खर्च अगले 15 साल में 60-70 लाख के पार पहुंच सकता है. मेडिकल पढ़ाई का भी खर्च इतनी अवधि में अच्छा-खासा हो जाएगा. मैनेजमेंट की बात करें तो अभी इस पर करीब 30 लाख रुपये का खर्च आता है जो कि 15 साल बाद करीब 90 लाख से 1 करोड़ रुपये तक हो सकता है. यहां तक कि सामान्य आर्ट्स या कॉमर्स लेकर पढ़ाई करने का भी खर्च आने वाले वक्त में 20 लाख रुपये के करीब पहुंच सकता है.
ऐसे में आपके पास अब सेविंग की एक ऊपरी और निचली सीमा मौजूद है. ये एक बड़ी रकम है और आपको इतनी बड़ी रकम जोड़ने के लिए बड़े इंतजाम करने होंगे और इसके लिए निवेश के सही प्लान ढूंढने होंगे.
कैसे बचत करें?
इसके लिए आपको एक अच्छी-खासी रकम हर महीने निकालनी पड़ेगी. आपको 15 साल के लिए निवेश की योजना बनानी पड़ेगी. इसमें अगर आप 12 फीसदी सालाना का रिटर्न लेकर चलें तो आप SIP के जरिए पैसे निवेश कर सकते हैं. इसमें आप हर महीने धीरे-धीरे बचत कर सकते हैं और इससे आपको ठीक रिटर्न भी मिल सकता है. यह रकम 15 साल में आपके बच्चे की पढ़ाई के लिए पर्याप्त फंड तैयार कर सकती है. अपने गोल्स को पूरा करने के हिसाब से 10,000-15,000 रुपये महीने के निवेश का प्लान बना सकते हैं. इसके लिए किसी फाइनेंशियल प्लानर की मदद लेना आपके लिए बेहतर साबित हो सकता है.
लेकिन, अपनी वित्तीय जिम्मेदारियां न भूलें
हालांकि, अपने बच्चे की उच्च शिक्षा की जरूरतों के लिए निवेश के प्लान पर आपको फोकस करना चाहिए, लेकिन इसमें आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि इससे आपकी दूसरी जिम्मेदारियां न अटक जाएं. आपके सामने होम लोन की ईएमआई, मेडिकल खर्च और दूसरे खर्च भी होते हैं. ऐसे में आपको कुछ चीजें ध्यान में रखनी होंगी.
एक इमर्जेंसी फंड तैयार करें
आपको एक इमर्जेंसी फंड तैयार करना होगा. यह आपके नौ से लेकर 12 महीने तक के खर्चों (ईएमआई समेत) के बराबर होना चाहिए ताकि कभी आकस्मिक स्थिति आने पर आपको अपने निवेश को हाथ न लगाना पड़े.
पर्याप्त इंश्योरेंस
अपने लिए और अपने परिवार के लिए एक पर्याप्त लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस कवर लेना न भूलें. लाइफ इंश्योरेंस में आपको टर्म प्लान का विकल्प चुनना चाहिए ताकि आपको कम लागत पर पर्याप्त कवर मिल सके.
रिटायरमेंट के लिए योजना
बच्चों की पढ़ाई के इंतजाम करने में अपने रिटायरमेंट के गोल्स को न भूलें. अपने रिटायरमेंट की प्लानिंग को जारी रखें.
एजूकेशन लोन से बचें
जीवन अप्रत्याशित है. ऐसे में पूरी कोशिश कीजिए कि आपके बच्चे के पास अपनी उच्च शिक्षा के लिए पर्याप्त पूंजी हो और उसे एजूकेशन लोन न लेना पड़े.
कुल मिलाकर पढ़ाई का खर्च जिस रफ्तार से बढ़ रहा है वह हम सबको चिंतित करने वाला है. लेकिन बच्चों की पढ़ाई के लिए फंड तैयार करने में देरी नहीं करनी चाहिए और इसे अनुशासित तरीके से करना चाहिए ताकि आपके बच्चे को अच्छी से अच्छी पढ़ाई मिल सके और उसमें पैसों की किल्लत कोई बाधा न बने.