निजी स्‍कूलों ने कॉपी-किताबों के बढ़ाए रेट, अभिभावकों की जेब पर तीन गुना बढ़ेगा बोझ

Fee Hike: इधर इस मामले में जब दिल्‍ली के कुछ स्‍कूलों से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई तो स्‍कूलों ने कुछ भी बोलने से मना कर दिया.

Fee Hike, private school, parents, school increase fee, school

PTI

PTI

कोरोना महामारी के बीच निजी स्‍कूलों ने कॉपी-किताबों के रेट 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़ा दिए हैं. दिल्‍ली-एनसीआर में कई स्‍कूल अभिभावकों को बढ़ी हुई फीस जमा (Fee Hike) करने के लिए मेसेज भी कर रहे हैं. ऐसे में कोरोना के बीच अभिभावकों की परेशानी बढ़ गई है. अभिभावकों का कहना है कि नए सत्र से पहले फीस बढ़ाना (Fee Hike) ठीक नहीं है. इससे उनकी जेब पर तीन गुना तक बोझ बढ़ जाएगा. अभिभावकों का कहना है कि कई स्‍कूल ऑनलाइन रिजल्‍ट भेजने के नाम पर भी अतिरिक्‍त रुपये मांग रहे हैं.

आदेशों के बाद भी एनसीईआरटी की किताबों से नहीं करा रहे पढ़ाई
दिल्ली पैरेटेंस एसोसिएशन की अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने बताया कि दिल्‍ली में स्‍कूलों ने कॉप-किताबों के रेट तो बढ़ाए ही हैं फीस भी बढ़ा रहे हैं. कोरोना काल में भी स्‍कूल अभिभावकों पर बोझ डालने में लगे हैं. बताया कि एनसीईआरटी में जो किताबों का सेट 2 से 3 हजार रुपये में आ जाता है. स्‍कूल वही किताबें 11 से 12 हजार रुपये में बेच रहे हैं. जब एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाने के आदेश दिए गए हैं, तो स्कूल इस को दरकिनार कर क्यों अभिभावकों से मंहगे दामों में किताबें खरीदने के लिए कह रहे हैं.

अब जब ऑनलाइन पढ़ाई ही हो रही है तो एनसीईआरटी की डाउनलोड किताबों से भी पढ़ाई हो सकती है. उन्होंने कहा कि शिक्षा निदेशालय, सीबीएसई, एनसीईआरटी से उनका अनुरोध है कि वह स्कूलों से एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाने के आदेश का पालन करने के लिए कहें.

अभिभावकों के पास लगातार आ रहे मेसेज
स्कूलों में वार्षिक परीक्षाएं लगभग संपन्न हो गई हैं. ऐसे में रिजल्ट की तिथि के साथ-साथ अभिभावकों के पास किताब-कॉपियों के सेट लेने के संदेश आने लगे हैं. दिल्‍ली में प्रीत विहार में रहने वाले विनीत कुमार ने बताया कि उनका बच्‍चा दक्षिणी दिल्‍ली के एक नामी स्‍कूल में कक्षा आठ का छात्र है. स्‍कूल ने उन्‍हें स्‍कूल काउंटर से किताबें लेने के लिए मेसेज किया है. बताया कि सिर्फ किताबें लेने के लिए उनसे 11 हजार रुपये मांगे गए हैं. वहीं यूनिफार्म काउंटर से यूनिफार्म भी लेने के लिए कहा गया है. बताया कि कोरोना काल के बाद भी स्‍कूलों ने 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़ा दी है.

दिल्‍ली में साकेत निवासी अभिभावक अंजली अग्रवाल बताती हैं कि उनका बेटा दूसरी कक्षा में पढ़ रहा है. बीते साल उन्‍हें बेटे की कॉपी-किताबों के लिए 6 हजार रुपये देने पड़े थे. लेकिन इस बार उनसे 7500 रुपये मांगे जा रहे हैं.

इधर इस मामले में जब दिल्‍ली के कुछ स्‍कूलों से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई तो स्‍कूलों ने कुछ भी बोलने से मना कर दिया.

झारखंड में भी फीस बढ़ा रहे स्‍कूल
झारखंड में भी कई जिलों में निजी स्‍कूलों ने नए सत्र 2021-22 के लिए फीस बढ़ानी शुरू कर दी है. जिससे अभिभावकों की जेब पर हर महीने 4 से 5 सौ रुपये तक बोझ बढ़ने वाला है. झारखंड के धनबाद जिले में पहले नर्सरी से पांचवीं क्लास के लिए 2500 से 26 सौ रुपए देने वाले अभिभावकों को अब 2750-2850 रुपए प्रत्येक महीना देना होगा. वहीं क्लास छह से आठ के लिए 2900 रुपए से 31 सौ रुपए, नौवीं व दसवीं में 3000 से 32 सौ रुपए व 11वीं में 35 सौ से 3900 रुपए मासिक निर्धारित किया गया है.

नोएडा के स्कूल पर फीस बढ़ाने से रोक
नोएडा जिला प्रशासन ने स्कूलों को 2021-22 सत्र के लिए स्कूल फीस में वृद्धि नहीं करने का आदेश दिया है. इसी के साथ उन्हें तिमाही शुल्क भुगतान पर जोर नहीं देने के लिए कहा है. जिला फीस विनियमन समिति (डीएफआरसी) की आंतरिक बैठक में निजी स्कूलों के खिलाफ कई शिकायतों से निपटने के लिए यह निर्णय लिया गया. जिला प्रशासन के इस फैसले से उन अभिभावकों को राहत मिलेगी जो कोरोना महामारी में आर्थिक संकट झेल रहे थे और बच्‍चों की पढ़ाई का खर्च उठाना उनके लिए बड़ी चुनौती बन गया था.

Published - March 22, 2021, 04:54 IST