Delhi Board: रटने पर नहीं, समझने पर जोर - केजरीवाल ने किया दिल्ली में नए स्कूल बोर्ड का ऐलान

Delhi Board: शहर में दिल्ली सरकार के एक हजार स्कूल हैं और लगभग 1,700 निजी स्कूल हैं. इनमें से ज्यादातर CBSE से मान्यता प्राप्त हैं.

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उल्लंघन करने वाले 165 स्थलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और उन पर पर्यावरण क्षति मुआवजे (EDC) के रूप में 53.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव रखा गया है.

उल्लंघन करने वाले 165 स्थलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और उन पर पर्यावरण क्षति मुआवजे (EDC) के रूप में 53.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव रखा गया है.

Delhi Board: दिल्ली सरकार ने शहर के लगभग 2,700 स्कूलों के लिए अलग स्कूल बोर्ड बनाने के लिए शनिवार को मंजूरी दी.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि शुरुआत में राज्य सरकार के 21-22 सरकारी स्कूलों को दिल्ली स्कूली शिक्षा बोर्ड (Delhi Board Of School Education – DBSE) से संबद्ध किया जाएगा और अगले चार-पांच सालों में सभी स्कूलों को इसके अधीन कर दिया जाएगा.

शहर में दिल्ली सरकार के एक हजार स्कूल हैं और लगभग 1,700 निजी स्कूल हैं. इनमें से ज्यादातर CBSE से मान्यता प्राप्त हैं.

केजरीवाल ने कहा कि नए बोर्ड (Delhi Board) का एक संचालन मंडल होगा जिसके अध्यक्ष दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री होंगे। इसके अलावा एक कार्यकारी खंड भी होगा और एक मुख्य कार्यकारी अधिकारी उसके प्रमुख होंगे.

उन्होंने कहा, “DBSE का उद्देश्य ऐसी शिक्षा देना होगा जो छात्रों में देशभक्ति और आत्मनिर्भरता का संचार करे. बच्चों में बेहतर समाज के लिए निःस्वार्थ भाव होना चाहिए.’ नौकरियों के लिए उन्होंने कहा कि बोर्ड ऐसी प्रणाली पर काम करेगा ताकि बच्चों को पढ़ाई के बाद रोजगार के लिए भटकना ना पड़े.

केजरीवाल ने कहा स्टूडेंट्स का असेसमेंट पूरे साल चलेगा जो अंतरराष्ट्रीय मापदंड़ों के हिसाब से प्लान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इसमें रटने पर नहीं, समझने पर जोर होगा.

एक साथ सभी स्कूलों पर लागू नहीं किया जाएगा. इसमें पहले 20-25 सरकारी स्कूलों को शामिल किया जाएगा. इसका चयन प्रिंसिपल और अभिभावकों के साथ किया जाएगा. 4-5 साल में अधिकतर स्कूल खुद इसमें शामिल होने की इच्छा जता सकते हैं.

Published - March 6, 2021, 02:39 IST