कोविड-19 महामारी का दौर शहरी नौकरी-पेशा लोगों की जिंदगी में वर्क फ्रॉम होम (WFH) यानी घर से ही काम के रूप में एक बड़ा बदलाव लेकर आया. इस बदलाव ने एक बड़े वर्ग की घर संबंधी जरूरतों को ही बदल कर रख दिया है. खरीदार अब अब अपने घर में एक ऐसा कन्वर्टेबल वर्किंग स्पेस चाहते हैं, जहां वे सुकून से काम कर सकें. साथ ही काम खत्म होने पर इस जगह को दूसरी तरह से इस्तेमाल किया जा सके.
ग्राहकों के इस नए रुझान को देखते हुए देश भर में Real Estate डेवलपर्स लोगों की जरूरतों के मुताबिक नए-नए डिजाइन पेश कर रहे हैं, जो होम बायर्स के लिए इस्तेमाल की दृष्टि से उपयुक्त हों. डेवलपर्स इस नए ट्रेंड को जल्द से जल्द पकड़ लेना चाहते हैं.
जरूरतों के मुताबिक डिजाइन में बदलाव
अधिकतर लोग अब घर से ही काम या पढ़ाई कर रहे हैं. ऐसे में घर पर काम और पढ़ाई के लिए माकूल जगह की मांग बढ़ी है. कुछ डेवलपर्स इस जरूरत को कन्वर्टेबल दीवारों के जरिये पूरा करने की तकनीक अपना रहे हैं. इससे एक कमरे को रात में एक बेडरूम और दिन में एक अध्ययन कक्ष या वर्किंग स्पेस के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. क्रिसुमी कॉरपोरेशन के चेयरमैन अशोक कपूर का मानना है कि वर्क फ्रॉम होम ने होमबॉयर्स की प्राथमिकताओं को नया रूप दिया है. कंपनी वर्तमान में हरियाणा के गुरुग्राम में एक आवासीय परियोजना पर काम कर रही है. बेंगलुरु स्थित एक बिल्डर, कार्ले इंफ्रा ने एक मिलेजुले उपयोग वाला डिजाइन तैयार किया है, जो खरीदार को लचीलापन प्रदान करता है. कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि ग्राहक आजकल घर में एक ऐसी जगह चाहते हैं, जो लिविंग स्पेस, वर्किंग स्पेस और अर्निंग स्पेस तीनों ही तरह के काम में इस्तेमाल हो सके.
नई-नई तकनीक आजमा रहे आर्किटेक्ट
विशेषज्ञों के अनुसार आर्किटेक्ट इसके लिए नए प्रोजेक्ट में नई-नई तकनीकों को आजमा रहे हैं. इसके लिए ऑटोमेशन, फ्लेक्सिबल वॉल जैसे उपायों को अपनाने के साथ ही घर में आसानी से हटाए जा सकने वाले मोबाइल फर्नीचर का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. नोब्रोकर डॉट कॉम के सह-संस्थापक सौरभ गर्ग का कहना है कि महामारी के कारण ऐसी सुविधाओं की ओर रुझान बढ़ा है. उन्होंने कहा कि लोगों के पास उनती ही जगह है, लेकिन अब उन्हें उसमें अपना नौकरी-पेशे से जुड़ा या व्यावसायिक कामकाज भी करना है. इसके लिए घर के डिजाइन में लचीलेपन की आवश्यकता महसूस की जा रही है. गर्ग ने बताया कि इसके साथ ही फ्लेक्सिबल फर्नीचर की मांग में भी तेजी आई है. यह कन्सेप्ट मुंबई जैसे महानगरों में पहले से ही प्रचलित है. उन्होंने कहा कि लोग अब उपलब्ध स्थान का ज्यादा से ज्यादा बेहतर इस्तेमाल करने के लिए इंटीरियर डिजाइन में लचीलेपन की तलाश कर रहे हैं.
‘फ्री स्पेस’ को दे रहे ऑफिस की शक्ल
कुछ डेवलपर अतिरिक्त जगह (फ्री स्पेस) को ऑफिस की शक्ल देने की कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए फ्लैट या अपार्टमेंट के भीतर एक छोटा केबिन जैसा स्थान बनाया जा रहा है. इसके अलावा एक/दो-बीएचके में एक छोटा कमरा जोड़ा जा रहा है. कई डेवलपर पूरी तरह ओपन फ्लोर भी ऑफर कर रहे हैं, जिनकी बाद में होमबॉयर्स की आवश्यकता के अनुसार डिजाइनिंग की जा रही है. एनसीआर में कार्यरत डेवलपर एबीए कॉर्प अपनी मौजूदा परियोजनाओं के गैलरी में अतिरिक्त जगह दे रहा है, जिसका उपयोग मिनी ऑफिस के रूप में किया जा सकता है.