दिल्ली-एनसीआर में प्याज का खुदरा दाम 50-60 रुपये किलो है, जबकि टमाटर की कीमतें भी तकरीबन इसी स्तर पर बनी हुई हैं.
इस बार फेस्टिव सीजन पर महंगाई लोगों का बटुआ खाली करने वाली है. पेट्रोल-डीजल के दाम रिकॉर्ड लेवल पर हैं और हर दिन इनमें बढ़ोतरी हो रही है. दूसरी तरफ, अब सब्जियों की कीमतों ने लोगों के लिए बड़ी मुश्किल पैदा कर दी है. अक्टूबर की शुरुआत से ही प्याज और टमाटर की कीमतों में तेजी बनी हुई है और अब आलू की कीमतों में अचानक तेजी आ गई है. 10 दिन पहले तक दिल्ली-एनसीआर में आलू की खुदरा कीमत 25 रुपये प्रति किलो थी. इसमें अचानक 15 रुपये प्रति किलो का इजाफा हुआ है और फिलहाल आलू का दाम 40 रुपये प्रति किलो पर है. कीमतों में बढ़ोतरी की आखिर क्या वजह है?
डीजल की कीमतें बढ़कर 100 रुपये के करीब पहुंच गई हैं और इसका असर सीधे तौर पर सब्जियों की कीमतों पर दिखाई दे रहा है.
फेडरेशन ऑफ कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के सेक्रेटरी राजेश गोयल कहते हैं कि देशभर में अचानक हुई बारिश के चलते फसलों पर बुरा असर पड़ा है. इसके चलते बुआई का काम भी गड़बड़ा गया है और ये चीज आलू समेत दूसरी सब्जियों की कीमतों में तेजी की वजह बन रही है.
गोयल रोड कैरियर्स के ओनर क्षितिज बताते हैं कि डीजल की कीमतों में हो रही तेजी सब्जियों की कीमतों में इजाफे की एक बड़ी वजह है. वे बताते हैं कि पिछले 5 महीने में डीजल का दाम करीब 30 रुपये बढ़ा है.
क्षितिज बताते हैं कि ट्रांसपोर्टेशन के धंधे कुल लागत का 60% हिस्सा डीजल का है. ऐसे में न सिर्फ सब्जियां बल्कि दूसरे उत्पाद भी इसी वजह से महंगे हो रहे हैं.
दिल्ली-एनसीआर में प्याज का खुदरा दाम 50-60 रुपये किलो है, जबकि टमाटर की कीमतें भी तकरीबन इसी स्तर पर बनी हुई हैं.
आने वाले दिनों में त्योहार हैं और ऐसे में खपत में भी इजाफा होने के आसार हैं. फेस्टिवल के चलते भी कीमतों में तेजी का सेंटीमेंट बना हुआ है.
क्रिसिल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारी बारिश के चलते प्याज की बुआई पर बुरा असर पड़ा है.
साथ ही उत्तर प्रदेश के आलू पैदावार वाले इलाकों में भी बारिश ने आलू की फसल खराब कर दी है.
उत्तर प्रदेश की आलू पैदावार बेल्ट में आने वाले मैनपुरी जनपद के एक किसान ओमवीर यादव ने बताया कि आलू की बुआई करीब 15 अगस्त से शुरू हो जाती है. इस बार भारी बारिश होने से ये आलू सड़ गया है. अब आलू को दोबारा गाड़ना पड़ेगा.