9 महीने की ऊंचाई पर थोक महंगाई

थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल से अक्टूबर तक लगातार शून्य से नीचे बनी हुई थी.

9 महीने की ऊंचाई पर थोक महंगाई

(Photo credits: TV9 Bharatvarsh)

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थोक मुद्रास्फीति दिसंबर, 2023 में बढ़कर 0.73 फीसद हो गई. यह इसका नौ माह का उच्चस्तर है. खाद्य पदार्थों, खासकर सब्जियों और दालों की कीमतों में तेज उछाल से इसमें बढ़ोतरी हुई. थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल से अक्टूबर तक लगातार शून्य से नीचे बनी हुई थी. नवंबर में यह 0.26 फीसद थी. दिसंबर, 2022 में यह 5.02 फीसद के स्तर पर थी. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार वस्तुओं, मशीनरी और उपकरण, विनिर्माण, परिवहन अन्य उपकरण तथा कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक तथा ऑप्टिकल उत्पादों आदि की कीमतों में वृद्धि दिसंबर, 2023 में थोक मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी का कारण रही.

थोक मुद्रास्फीति का इससे पिछला उच्चस्तर मार्च, 2023 में दर्ज हुआ था. उस समय यह 1.41 फीसद थी. खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति दिसंबर में बढ़कर 9.38 फीसद रही, जो नवंबर में 8.18 फीसद थी. दिसंबर में सब्जियों की महंगाई दर 26.30 प्रतिशत, जबकि दालों की महंगाई दर 19.60 प्रतिशत थी. खाद्य पदार्थों में थोक मुद्रास्फीति में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली वस्तुएं धान, दालें और सब्जियां थीं. दिसंबर, 2023 में सब्जियों और दालों में मुद्रास्फीति क्रमशः 26.30 प्रतिशत और 19.60 फीसद थी, जबकि धान में यह 10.54 फीसद रही.

सब्जियों में प्याज की मुद्रास्फीति 91.77 फीसद रही. अगस्त, 2023 से यह लगातार दो अंक में बनी हुई है. दिसंबर में आलू में मूल्यवृद्धि की वार्षिक दर शून्य से नीचे 24.08 फीसद रही. ईंधन और बिजली क्षेत्र में दिसंबर में मुद्रास्फीति शून्य से नीचे 2.41 फीसद रही, जबकि नवंबर, 2023 में यह शून्य से नीचे 4.61 फीसद थी. विनिर्मित उत्पादों में मुद्रास्फीति शून्य से नीचे 0.71 फीसद थी, जबकि नवंबर, 2023 में यह शून्य से नीचे 0.64 फीसद थी. बार्कलेज की रिपोर्ट में कहा गया है कि थोक मुद्रास्फीति के आंकड़ों से पता चलता है कि कच्चे माल की लागत नियंत्रण में है और खाद्य तथा विनिर्मित उत्पाद की कीमतों में काफी कमी आई है.

बार्कलेज ने कहा कि हमें उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक जून से मौद्रिक नीति को उदार बनाएगा. चालू कैलेंडर वर्ष 2024 में रेपो दर में तीन बार 0.25 फीसद की कटौती हो सकती है. रेटिंग एजेंसी इक्रा ने कहा कि डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी ईंधन, खाद्य तथा कच्चे तेल से संबंधित वस्तुओं के कारण हुई, जबकि विनिर्मित गैर-खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति लगातार 10वें महीने शून्य से नीचे रही. इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च को जनवरी, 2024 में थोक मुद्रास्फीति 1.1 फीसद पर आने की उम्मीद है. पिछले सप्ताह जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर के लिए खुदरा या उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर चार महीने के उच्चतम 5.69 फीसद पर पहुंच गई.

Published - January 15, 2024, 07:07 IST