Vaccine Latest Data: पूरी दुनिया कोरोना की पहली और दूसरी लहर के मुश्किल दौर से निकल चुकी है इस दौरान कई देशों में काफी संख्या में मौतें हुईं. कोरोना की पहली लहर से दुनिया इतनी प्रभावित नहीं हुई थी जितनी दूसरी लहर ने कर दिया था. लेकिन अब तीसरी लहर के प्रकोप से बचने के लिए पूरी दुनिया में वैक्सीनेशन काफी हद तक हो चुका है. कुछ देशों के पास खुद की बनाई हुई वैक्सीन हैं तो कुछ देश दूसरे देशों से वैक्सीन का आयात कर रहे हैं.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक केंद्र का वैक्सीन खर्च 50,000 करोड़ रुपए के ऊपर है, जो 35,000 करोड़ रुपए के बजट अनुमान से काफी अधिक है, लेकिन इससे किसी प्रकार की दबाव की संभावना नहीं है.
18 साल से कम उम्र की आबादी के टीकाकरण अगले वित्तीय वर्ष में शुरू होने की उम्मीद है. सरकारी सूत्रों ने कहा कि केंद्र एडीबी जैसी बहुपक्षीय एजेंसियों से रियायती दरों पर लगभग 2 बिलियन डॉलर जुटाने के लिए चीन और इंडोनेशिया जैसे अन्य लोगों को शामिल करने के लिए विशेष विंडो टैप करना चाहता है.
अधिकारियों ने कहा, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बाजार उधारी पर कोई दबाव न हो, जिससे निजी क्षेत्र के लिए धन जुटाने के लिए पर्याप्त जगह बचे.
कितना है पहली छमाही में राजकोषीय घाटा
लेखा महानियंत्रक (सीजीए) द्वारा शुक्रवार को जारी किए आंकड़ों के अनुसार केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा सितंबर 2021 के अंत में 5.26 लाख करोड़ रुपए आंका गया है या कहें तो बजट अनुमान का यह 35 फीसदी हो गया है.
सितंबर 2020 के अंत में राजकोषीय घाटा 114.8 फीसदी तक बढ़ गया था. दरअसल कोरोना महामारी का सामना कर रही केंद्र सरकार के खर्चों में काफी बढ़ोतरी देखी गई थी इसके कारण राजकोषीय घाटे में उछाल आया था.
देखा जाए तो मौजूदा वर्ष में घाटे के आंकड़े पिछले साल की तुलना में काफी अच्छे हैं.
आर्थिक गतिविधियों में तेजी से राजस्व में सुधार हुआ
कोरोना प्रतिबंध हटने के बाद आर्थिक गतिविधियों में तेजी से राजस्व में सुधार और राजकोषीय स्थिति को बेहतर बनाए रखने में मदद मिली. उत्पाद शुल्क से प्राप्तियां पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 79 फीसदी अधिक थीं.
कर राजस्व पूरे वर्ष के बजट अनुमान के 59.6 फीसदी तक पहुंच गया, जो पिछले वित्तीय वर्ष में 28 फीसदी की वृद्धि से अधिक है.