संसद में पास हुए दो बिल, आयुष चिकित्सा को मिलेगा बढ़ावा

राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयोग (संशोधन) विधेयक, 2021 और होम्योपैथी की चिकित्सा शिक्षा (संशोधन) विधेयक, राज्यसभा में बुधवार को पास किए गए.

Human Biosciences to go big on digital for treatment in India

घर बैठे मेडिकल सर्विस उपलब्ध कराने के लिए HBS एक डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार कर रही है.

घर बैठे मेडिकल सर्विस उपलब्ध कराने के लिए HBS एक डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार कर रही है.

इंडियन मेडिकल प्रेक्टिस और होम्योपैथी एजुकेशन में बड़े पैमाने पर सुधार का रास्ता साफ हो गया है. राज्य सभा में आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयोग (संशोधन) विधेयक, 2021 और होम्योपैथी की चिकित्सा शिक्षा (संशोधन) विधेयक, 2021 को बुधवार को पेश किया. दोनों विधेयक राज्यसभा में 11 अगस्त को पास कर दिए गए. इससे पहले दोनों विधेयक लोकसभा से 10 अगस्त को पास हो चुके थे. ये दोनों विधेयक मौजूदा भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद अधिनियम, 2020 और होम्योपैथी केंद्रीय परिषद अधिनियम, 2020 की जगह लेंगे.

5 जुलाई को किया गया था राष्ट्रीय आयोग का गठन

राष्ट्रीय आयोग का गठन 5 जुलाई, 2021 को केंद्रीय परिषद का स्थान लेने के लिए किया गया था. वहीं इसी तारीख को 1973 के अधिनियम को निरस्त कर दिया गया था. 2021 का बिल तय करता है कि बोर्ड ऑफ गवर्नर्स 1973 के अधिनियम के तहत प्रयोग की जाने वाली सभी शक्तियों और कार्यों को 2020 के अधिनियम के तहत मान्य किया जाए और यह आने वाले समय में भी लागू रहेगा.

सरकार ने कहा आएंगे सुधार

सरकार का कहना है कि इन बिल के पास होने से भारतीय चिकित्सा पद्धति को बल मिलेगा और वांछित सुधार किए जा सकेंगे. इस बिल से इस क्षेत्र की पढ़ाई करने वाले छात्रों को लाभ पहुंचेगा. भारतीय चिकित्सा पद्धति के क्षेत्र में गुणवत्ता लाने के साथ साथ इसे सस्ता करने की दिशा में काम किया जा सकेगा.

क्यों जरूरी है होम्योपैथिक ट्रीटमेंट

होम्योपैथी के योग्य और रजिस्टर्ड डॉक्टर अन्य मेडिकल सर्विस प्रोवाइडर की तरह काम करते हैं, जिन्हें राष्ट्रीय दिशा निर्देशों द्वारा रेगुलेट किया जाता है. रिसर्च स्टडी ने होम्योपैथी की प्रभावकारिता को सिद्ध किया है. हालांकि अलग-अलग कंडीशन में इसके लाभों को साबित करने के लिए उच्च गुणवत्ता युक्त अधिक बड़ी स्टडी करने की जरूरत है. होम्योपैथी का उपयोग विभिन्न स्थितियों और सामान्य बीमारियों के लिए सुरक्षित और प्रभावी रूप से किया जाता है.

कई बीमारियों के इलाज में है उपयोगी

होम्योपैथिक दवाओं का उपयोग सर्जरी के बाद जल्दी ठीक होने के लिए पारंपरिक चिकित्सा के साथ या अकेले किया जा सकता है. एक रिसर्च में पाया गया कि होम्योपैथी चिंता और हल्के से गंभीर डिप्रेशन के इलाज में उपयोगी है. एक और स्टडी के मुताबिक होम्योपैथिक इलाज ने न केवल कैंसर से पीड़ित लोगों में थकान को कम किया बल्कि उनके जीवन की गुणवत्ता में समग्र रूप से सुधार किया.

Published - August 12, 2021, 04:53 IST