रेट्रो टैक्स विवाद खत्म करने की दिशा में सरकार का बड़ा कदम, ड्राफ्ट रूल जारी किए

रेट्रो टैक्स के मामले निपटाने के लिए कंपनियों को सरकार के खिलाफ दायर सभी केस वापस लेने और भविष्य में भी कोई मुकदमा नहीं करने की अंडरटेकिंग देनी होगी.

insurance, tax, new tax regime, Old Vs New Tax Regime, Insurance Mis-selling, top tips on tax and insurance from experts

केयर्न एनर्जी और वोडाफोन PLC जैसी कंपनियों के खिलाफ रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स की डिमांड का मसला खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने शनिवार को ड्राफ्ट रूल्स जारी किए हैं. नए ड्राफ्ट रूल्स में इस तरह की रेट्रो टैक्स डिमांड्स नहीं हैं. हालांकि, इसके लिए कंपनियों को सरकार के खिलाफ दायर सभी केस वापस लेने और भविष्य में भी ऐसा कोई मुकदमा नहीं करने की एक इर्रेवोकेबल (irrevocable) अंडरटेकिंग देनी होगी.

इस महीने की शुरुआत में सरकार ने टैक्सेशन लॉज (अमेंडमेंट) एक्ट, 2021 पारित किया था. इसका मकसद एक ऐसे टैक्स रूल को खत्म करना था जिसमें टैक्स विभाग को 50 साल पीछे तक जाकर कैपिटल गेन्स टैक्स थोपने की ताकत दी गई थी. ये ऐसे मामलों के लिए था जिनमें ओनरशिप का हस्तांतरण विदेश में हुआ हो, लेकिन कारोबारी संपत्तियां भारत में हों.

आयकर विभाग ने एक ट्वीट कर इन नए नियमों का मसविदा जारी किया है.

पुराने नियमों के तहत 17 इकाइयों पर कुल 1.10 लाख करोड़ रुपये की टैक्स देनदारी थोपी गई थी. इसमें केयर्न पर 10,247 करोड़ रुपये और वोडाफोन पर 22,100 करोड़ रुपये की देनदारी शामिल है.

केयर्न पर 2006 के अपने भारतीय कारोबार के इंटरनल रीऑर्गनाइजेशन के चलते टैक्स की मांग की गई. जबकि वोडाफोन पर भारत में हचिसन का स्टेक खरीदने के सौदे को लेकर टैक्स की मांग की गई थी.

इन डिमांड्स को खत्म करने के साथ ही सरकार ने रेट्रो टैक्स डिमांड के तहत कंपनियों से लिए गए 8,100 करोड़ रुपये के रिफंड की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसमें से 7,900 करोड़ रुपये को केयर्न एनर्जी के ही हैं. हालांकि, कंपनियों को रेट्रो टैक्स डिमांड से छुटकारा पाने के लिए एक अंडरटेकिंग देनी होगी कि वे मौजूदा सभी कानूनी मुकदमे वापस लेंगी और भविष्य में भी ऐसा कोई केस नहीं करेंगी.

Published - August 28, 2021, 07:42 IST