free ration scheme: कोरोना काल में शुरू हुई मुफ्त राशन योजना पर अब ब्रेक लगने वाला है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेएवाय-3) के तहत मुफ्त राशन के वितरण को 30 नवंबर से आगे बढ़ाने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है. बिजनेस स्टैंडर्ड् की खबर के अनुसार खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार और इस साल खुले बाजार में खाद्यान की अच्छी बिक्री को देखते हुए फिलहाल मुफ्त राशन के वितरण को आगे बढ़ाने को लेकर फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है.
इस योजना की शुरुआत मार्च 2020 में कोविड-19 संकट से निपटने के लिए की गई थी. सरकार की मुफ्त राशन योजना अप्रैल-जून 2020 समयावधि के लिए शुरु की गई थी बाद में इसे 30 नवंबर तक बढ़ाया गया. सुधांशु पांडे ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था उबर रही है और सरकार की मुक्त बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत खाद्यान्न की बिक्री इस साल काफी अच्छी रही. इसलिए इसे आगे बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है.
पीएमजीकेएवाय के तहत सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA-National food security act) के तहत 80 करोड़ राशन कार्ड धारकों को मुफ्त राशन की आपूर्ति करती है. सरकार राशन दुकानों के माध्यम से सब्सिडी वाले अनाज के अलावा मुफ्त राशन भी देती है. सरकार घरेलू बाजार में उपलब्धता में सुधार और कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए ओएमएसएस (OMSS-Open market sale scheme) नीति के तहत थोक उपभोक्ताओं को चावल और गेहूं दे रही है.
आधिकारिक जानकारी के अनुसार सरकार मुफ्त खाद्यान वितरण योजना के विस्तार पर 67,266.44 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च वहन करेगी. इसमें मई और जून के लिए योजना पर 26,602 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च शामिल है. जानकारी के अनुसार वित्तवर्ष 2022 में मुफ्त भोजन पर तकरीबन 93,868 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च होने की उम्मीद है. जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं हैं वे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का फायदा नहीं ले सकते है. यह योजना उन लोगों के लिए जिनके पास राशन कार्ड हैं. देश में 80 करोड़ लोगों के पास राशन कार्ड हैं. कोरोना महामारी के दौर में कोई भी गरीब खाने से वंचित न रहे इसलिए इस योजना को सरकार ने शुरू किया था.