अगले साल मंदी के वापस लौटने की आशंका बढ़ गई है. मौजूदा भूराजनीतिक तनाव को देखते हुए खाद्य और ऊर्जा की ऊंची कीमतों से जुड़ी अनिश्चितताओं के बीच वित्त मंत्रालय ने अपनी मासिक समीक्षा में कहा है कि 2024 में मंदी का खतरा वापस लौट सकता है. विश्व व्यापार की मात्रा में गिरावट की वजह से वैश्विक व्यापार के आंकड़ों पर दबाव की आशंका है. ज्यादा आयात और कम निर्यात की वजह से अक्टूबर में भारत का व्यापार घाटा रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है.
गोल्ड का रिकॉर्ड इंपोर्ट
बता दें कि देश में अक्टूबर के दौरान सोने के इंपोर्ट का 31 महीने पुराना रिकॉर्ड टूट गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अक्टूबर के दौरान देश में 123 टन सोने का आयत हुआ है, जो 31 महीने में सबसे ज्यादा मासिक इंपोर्ट है. पिछले साल से तुलना की जाए तो अक्टूबर 2022 के मुकाबले इस साल इंपोर्ट में करीब 60 फीसद की बढ़ोतरी हुई है, पिछले साल अक्टूबर के दौरान देश में 77 टन सोने का आयात हुआ था.
रिकॉर्ड ऊंचाई पर व्यापार घाटा
अक्टूबर के दौरान देश में सोने के आयात में हुई बढ़ोतरी की वजह से वस्तु व्यापार घाटा रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा है. इस साल अक्टूबर के दौरान देश से 33.57 अरब डॉलर की वस्तुओं का निर्यात हुआ है लेकिन आयात 65.07 अरब डॉलर दर्ज किया गया है, जिसमें 7.23 अरब डॉलर का सोना और 1.7 अरब डॉलर की चांदी भी शामिल है. सोने और चांदी के आयात में हुई इस बढ़ोतरी की वजह से वस्तु व्यापार घाटा 31.46 अरब डॉलर दर्ज किया गया है. अक्टूबर के दौरान चांदी के इंपोर्ट में भी 124 फीसद का उछाल दर्ज किया गया है.
वित्त मंत्रालय की मासिक समीक्षा के मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और कोर महंगाई में निरंतर नरमी से देश में महंगाई नियंत्रित रहने की संभावना है. ग्रामीण मांग के मोर्चे पर वित्त मंत्रालय ने कहा है कि दूसरी तिमाही में ग्रामीण मांग की गति बनी रहेगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में ग्रामीण मांग में बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. दरअसल, इस दौरान खाद्यान्न उत्पादन से आय स्थिर रही है और मुद्रास्फीति का दबाव मध्यम दर्ज किया गया है.