सुप्रीम कोर्ट का केंद्र को निर्देश: श्रमिकों को मिले मुफ्त राशन, रजिस्ट्रेशन के लिए बने पोर्टल

Supreme Court: कोविड की स्थिति रहने तक प्रवासी मजदूरों के बीच मुफ्त वितरित करने के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अनाज आवंटित करने का निर्देश

Supertech's plea to save one Emerald Court tower rejected by Supreme Court

नोएडा के सेक्टर 93 में स्थित सुपरटेक एमराल्‍ड कोर्ट हाउसिंग सोसायटी में अवैध ट्विन टावर मामले से जुड़े विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है.

नोएडा के सेक्टर 93 में स्थित सुपरटेक एमराल्‍ड कोर्ट हाउसिंग सोसायटी में अवैध ट्विन टावर मामले से जुड़े विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है.

कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों और प्रवासी मजदूरों को राहत देने के लिए मंगलवार को उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने केंद्र सरकार को कई कदम उठाने के निर्देश दिए हैं जिनमें मुफ्त राशन से लेकर उन्हें लाभ पहुंचाने के लिए रजिस्ट्रेशन तक के कदम शामिल है . इनमें से एक है NIC की मदद से श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन और उन्हें बेनिफिट पहुंचाने के लिए पोर्टल तैयार करने का भी निर्देश है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया है कि वे असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के पंजीकरण और उन्हें लाभ देने के लिए नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) की मदद से 31 जुलाई तक पोर्टल विकसित करें.

मुफ्त राशन मिले

उच्चतम न्यायालय ने केंद्र को कोविड की स्थिति रहने तक प्रवासी मजदूरों के बीच मुफ्त वितरित करने के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अनाज आवंटित करने का निर्देश दिया है.

इसके साथ ही कोर्ट ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को वैश्विक महामारी की स्थिति जारी रहने तक प्रवासी मजदूरों के लिए सामुदायिक रसोई का संचालन करने का निर्देश दिया है.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत राशन कार्ड धारकों के लिए नवबंर तक मुफ्त राशन का ऐलान किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने हाल के संबोधन में इसका ऐलान किया था और सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी स्कीम को राहत पैकेज के अंतर्गत आगे बढ़ाने की घोषणा की है.

एक राष्ट्र एक राशन कार्ड

उच्चतम न्यायालय ने राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों को 31 जुलाई तक ‘एक राष्ट्र,एक राशन कार्ड’ योजना लागू करने का निर्देश दिया.

जस्टिस अशोक भूषण और एम आर शाह की एक बेंच ने 3 सामाजिक कार्यकर्ताओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश जारी किया ताकि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बीच लॉकडाउन और कर्फ्यू से प्रभावित श्रमिकों और प्रवासी मजदूरों को अनाज, कैश ट्रांसफर जैसे अन्य सुविधाएं मिलें.

Published - June 29, 2021, 11:41 IST