मूडीज के बाद S&P ने घटाया भारत के लिए ग्रोथ अनुमान, FY22 के लिए 9.5% ग्रोथ अनुमान

India Growth Forecast: वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.3% की कमी आई थी और इससे पहले 2019-20 में देश ने 4% की वृद्धि हासिल की थी

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बिज़ोम की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि सभी श्रेणियों में 13% और 35% के बीच वृद्धि हुई, लेकिन होम केयर में 8% की गिरावट दर्ज की गई है

बिज़ोम की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि सभी श्रेणियों में 13% और 35% के बीच वृद्धि हुई, लेकिन होम केयर में 8% की गिरावट दर्ज की गई है

एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) ने गुरुवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के वृद्धि अनुमान (Growth Forecast) को 11 प्रतिशत से घटाकर 9.5 प्रतिशत कर दिया, और चेतावनी दी कि कोविड महामारी से जुड़े जोखिम आगे भी बने हुए हैं. एजेंसी ने वृद्धि के अनुमान को यह कहते हुए घटाया कि अप्रैल-मई में कोविड-19 की दूसरी लहर के चलते राज्यों द्वारा लॉकडाउन लगाए जाने से आर्थिक गतिविधियों में तेजी से कमी हुई.

एसएंडपी ने कहा, ‘‘हमने मार्च में घोषित चालू वित्त वर्ष में वृद्धि के लिए 11 फीसदी के पूर्वानुमान को घटाकर 9.5 फीसदी कर दिया है.’’

एजेंसी ने कहा कि निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की बैलेंस शीट हुए नुकसान से अगले कुछ वर्षों के दौरान वृद्धि बाधित होगी और 31 मार्च, 2023 को समाप्त होने वाले अगले वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रह सकती है.

एसएंडपी (S&P Global Ratings) ने कहा कि महामारी को लेकर आगे भी जोखिम बने हुए हैं क्योंकि अभी तक लगभग 15 प्रतिशत आबादी को कम से कम वैक्सीन की एक खुराक मिली है, हालांकि अब वैक्सीन की आपूर्ति में तेजी आने की उम्मीद है.

वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में 7.3 प्रतिशत की कमी आई थी और इससे पहले 2019-20 में देश ने चार प्रतिशत की वृद्धि हासिल की थी.

मूडीज ने भी किया अनुमान घटाया

मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस (Moody’s Investors Service) ने बुधवार को वर्ष 2021 के लिए भारत के ग्रोथ अनुमान (Growth Forecast) को घटाकर 9.6 फीसदी कर दिया है. मूडीज ने इससे पहले 13.9 फीसदी ग्रोथ का अनुमान जाहिर किया था. मूडीज ने साथ ही कहा है कि वैक्सीनेशन की रफ्तार में तेजी आने के चलते जून तिमाही में आर्थिक प्रतिबंधों में कमी आएगी.

मूडीज ने ‘व्यापक अर्थशास्त्र- भारत: कोविड की दूसरी लहर से आर्थिक झटके पिछले साल की तरह गंभीर नहीं होंगे’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा है कि इंडीकेटर्स से पता चल रहा है किकोविड की दूसरी लहर ने अप्रैल और मई में भारत की अर्थव्यवस्था पर असर डाला है. हालांकि, राज्यों द्वारा प्रतिबंधों में ढील देने के साथ इसमें सुधार की उम्मीद है.

मूडीज ने कहा है, “वायरस के दोबारा उभरने से 2021 के लिए भारत के ग्रोथ फोरकास्ट (Growth Forecast) के लिए अनिश्चितता पैदा हो गई है. हालांकि, ऐसी उम्मीद है कि ये आर्थिक नुकसान केवल अप्रैल से जून तिमाही तक ही सीमित रहेगा. हमें फिलहाल लग रहा है कि भारत की रियल GDP 2021 में 9.6 फीसदी की रफ्तार से आगे बढ़ेगी, जबकि 2022 में देश की ग्रोथ 7 फीसदी रहेगी.”

इस महीने की शुरुआत में मूडीज ने मार्च 2022 में खत्म होने वाले मौजूदा फिस्कल में भारत की ग्रोथ के 9.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया था. लेकिन, कोविड की दूसरी गंभीर लहर ने भारत के क्रेडिट प्रोफाइल और रेटेड इकाइयों का रिस्क बढ़ा दिया है.

गौरतलब है कि 2020-21 में भारत की अर्थव्यवस्था 7.3 फीसदी की नेगेटिव ग्रोथ का शिकार हुई है. इससे पहले 2019-20 में देश की ग्रोथ महज 4 फीसदी रही थी.

मूडीज ने कहा है कि आर्थिक रूप से अहमियत रखने वाले राज्यों में सख्त लॉकडाउन के चलते अप्रैल से जून तिमाही में आर्थिक गतिविधि को झटका लगेगा. मूडीज ने कहा है कि कोविड की दूसरी लहर की वजह से जिन 10 राज्यों को सबसे ज्यादा झटका लगा है उनका महामारी से पहले की भारत की GDP में 60% से ज्यादा हिस्सेदारी है.

महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक जैसे चार राज्यों ने 2019-20 में देश की GDP में सबसे ज्यादा योगदान दिया है.

Published - June 24, 2021, 11:32 IST