कई देश रुपए में व्यापार शुरू करने के लिए भारत के साथ बातचीत कर रहे हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश की बुनियाद मजबूत है और भारतीय मुद्रा ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं के मुकाबले लगभग स्थिर है.
सीतारमण ने कहा कि भारत ने निजी निवेश के लिए हर क्षेत्र को खोल दिया है. देश नए साधनों का इस्तेमाल करके कृत्रिम बुद्धिमत्ता, सेमीकंडक्टर और विनिर्माण जैसे उभरते क्षेत्रों को राजकोषीय और नीतिगत समर्थन देगा.
उन्होंने कहा कि अमेरिकी डॉलर को छोड़कर, जिसमें अस्थिरता थी, भारतीय रुपया ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं के मुकाबले स्थिर रहा है. भारतीय रुपया कई अन्य मुद्राओं की तुलना में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कहीं अधिक स्थिर रहा है.
सीतारमण ने कहा कि यह वजह है कि आज कई देश रुपए में व्यापार करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि रुपए के व्यापार में शुरुआती समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन इससे डॉलर की कमी वाले देशों को मदद मिल रही है. मंत्री ने कहा कि जी20 या संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक मंच अब संस्थानों में सुधार के लिए भारत की बात सुन रहे हैं. यह उभरते वैश्विक परिदृश्य में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है.