देश के सर्विस सेक्टर की गतिविधि में अक्टूबर में साढ़े 10 साल के अपने सबसे मजबूत स्तर पर विस्तार हुआ. एक मासिक सर्वे के अनुसार, मांग बढ़ने के कारण बिजनेस एक्टिविटी में हुई बढ़त के कारण ऐसा हुआ.
कंपनियों ने संकेत दिया कि नए बिजनेस की वृद्धि होने से आउटपुट में एक दशक की सबसे अधिक रफ्तार के साथ विस्तार देखने को मिला है. इसकी मदद से अधिक रोजगार सृजन हो सका. हालांकि, महंगाई के कारण बिजनेस कॉन्फिडेंस कमजोर ही रहा.
इंडिया सर्विसेज बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स अक्टूबर में 58.4 पर पहुंच गया, जो सितंबर में 55.2 था. यह साढ़े दस साल की सबसे मजबूत वृद्धि दर रही. लगातार तीसरे महीने सर्विस सेक्टर ने उत्पादन में वृद्धि दर्ज की. पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) में 50 से अधिक का अंक विस्तार और उससे नीचे का गिरावट दर्शाता है.
कीमत के मोर्चे पर इनपुट कॉस्ट में फिर से तेज बढ़त हुई. कंपनियों ने अपनी फीस में साढ़े चार वर्ष की सबसे तेज गति से वृद्धि दर्ज की. मॉनिटर्ड कंपनियों में महंगा फ्यूल, कच्चा माल, रिटेल, स्टाफ और यातायात की लागत इसके पीछे का कारण दिखे.
एंप्लॉयमेंट के मोर्चे पर सर्विस कंपनियों ने अक्टूबर में भर्तियां बरकरार रखीं. बहुत अधिक नहीं, मगर सितंबर की तुलना में अक्टूबर का जॉब क्रिएशन अधिक रहा. यह फरवरी 2020 के बाद से अब तक का सबसे मजबूत रहा.
हालांकि, हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय सेवाओं की अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग कमजोर बनी हुई है. अक्टूबर में नए निर्यात में गिरावट हुई. सर्वे के मुताबिक, यह ट्रेंड कोरोना महामारी के बाद से लगातार बना हुआ है.
इस दौरान प्राइवेट सेक्टर का आउटपुट अक्टूबर में तेजी के साथ बढ़ा. मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस प्रोवाइडर की ग्रोथ बढ़ने के कारण ऐसा हुआ.