
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम केवल वरिष्ठ नागरिकों के लिए है. इस पर अभी 7.4 फीसदी का सालाना ब्याज दिया जा रहा है, जो हर तिमाही संयोजित हो जाता है.
इनकम टैक्स की पुरानी व्यवस्था में सीनियर सिटीजन के लिए कई तरह के टैक्स बेनफिट और रिबेट के प्रावधान थे. हालांकि, बजट 2020 में पेश की गई नई टैक्स व्यवस्था में करदाता की उम्र के आधार पर इस तरह की राहतों का कोई जिक्र नहीं है. अगर आप सीनियर सिटीजन हैं या जल्द रिटायर होने वाले हैं, साथ ही आपने पुरानी व्यवस्था को चुन रखा है, तो आपको कुछ टैक्स बेनेफिट मिलते हैं. इनके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए.
सबसे पहले, आपको अपनी उम्र के मुताबिक टैक्सेबल इनकम स्लैब को देखना चाहिए. जिनकी उम्र 60 से 80 वर्ष के बीच है, उन्हें तीन लाख से अधिक आमदनी होने पर टैक्स देना होता है. 80 वर्ष से अधिक उम्र वालों के लिए यह सीमा पांच लाख रुपए है. वहीं, 60 वर्ष से कम आयु वालों के लिए 2.5 लाख रुपए से अधिक आमदनी पर टैक्स लगता है. इसके अलावा सीनियर सिटीजन को एडवांस टैक्स पर भी छूट मिलती है.
एडवांस टैक्स और स्टैंडर्ड डिडक्शन
Nangia & Co LLP के पार्टनर शैलेष कुमार बताते हैं, ‘सीनियर सिटीजन को एडवांस टैक्स पर छूट के अलावा, सेविंग बैंक, हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम और फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) इंटरेस्ट पर भी राहत मिलती है. जिनकी उम्र 60 साल से अधिक है और जिनकी कोई बिजनेस इनकम नहीं है, उन्हें एडवांस टैक्स देने की जरूरत नहीं होती. वे इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करते वक्त एक बार में अपना टैक्स चुका सकते हैं.’
इसी तरह सीनियर सिटीजन को अपने डिपॉजिट पर 50 हजार तक का स्टैंडर्ड डिडक्शन (section 80TTB) मिलता है. यदि डिपॉजिट पर मिलने वाला ब्याज टैक्स लिमिट के भीतर है, तो सोर्स पर भी टैक्स नहीं कटता. लेकिन लिमिट से अधिक ब्याज होने पर निल टैक्स डिडक्शन के लिए फॉर्म 15एच सबमिट करने का विकल्प मौजूद है.
कुमार बताते हैं कि अगर कोई करदाता खुद के लिए या अपने माता-पिता (सीनियर सिटीजन) के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम जमा करता है, तो उसे अतिरिक्त छूट का फायदा मिलता है. इस स्थिती में उसे अधिकतम 50 हजार रुपए की छूट मिलती है, जबकि दूसरे मामले में यह सीमा 25 हजार रुपए है.
टैक्स फाइल करने में छूट
इन सबके अलावा यदि कोई सीनियर सिटीजन तय बीमारियों पर मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए खर्च करता है तो उसे अधिक टैक्स छूट मिलती है. सेक्शन 80DDB के तहत यह सीमा एक लाख रुपए तक की है. कुमार बताते हैं, ‘फाइनेंस ऐक्ट 2021 के तहत, जिनकी उम्र 75 साल से अधिक है और जिन्हें सिर्फ पेंशन व जमा पर ब्याज प्राप्त होता है, उन्हें ITR फाइल न करने की छूट है.’