भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि देश की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार मजबूत बनी हुई है और दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े सबको चौंका देंगे. उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति इस समय आरबीआई की पहली प्राथमिकता है. दास ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार और कुछ शुरुआती संकेतकों से मिले आंकड़ों को देखते हुए, मैं कह सकता हूं कि नवंबर के अंत में जारी किए जाने वाले दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़ों से हर किसी को आश्चर्य होगा.
उन्होंने कहा कि आरबीआई का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.4 फीसद रहेगी. दास ने कहा कि भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं इस समय वैश्विक वृद्धि के लिए सबसे बड़ा जोखिम हैं, लेकिन दूसरे देशों की तुलना में भारत इसे संभालने के लिए बेहतर स्थिति में है. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मौद्रिक नीति तैयार करते समय विकसित देशों में दरों और अन्य अंतरराष्ट्रीय कारकों को ध्यान में रखा जाता है लेकिन आखिर में मौद्रिक नीति मुद्रास्फीति और वृद्धि के घरेलू कारकों से ही तय होती है.
दास ने कहा कि हमारी मौद्रिक नीति इस बात से प्रभावित नहीं होती है कि बॉन्ड के प्रतिफल (भारत और अमेरिका के बीच) में क्या अंतर है या मुद्रा का मूल्य गिर रहा है या नहीं. जेपी मॉर्गन वैश्विक बॉन्ड सूचकांकों में भारत को शामिल करने के बारे में पूछने पर दास ने कहा कि इसके साथ सकारात्मक और नकारात्मक दोनों बातें जुड़ी हुई हैं, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि वित्तीय बाजारों में किसी बड़ी अस्थिरता की आशंका नहीं है.