प्रमुख विदेशी मुद्राओं के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने और एशियाई मुद्राओं के कमजोर होने के बीच इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 35 पैसे की भारी गिरावट के साथ 83.48 (अस्थाई) के सर्वकालिक निम्न स्तर पर बंद हुआ. बाजार सूत्रों ने कहा कि फॉरेन फंड्स की बाजार से पैसों की निकासी के कारण भी रुपये की धारणा प्रभावित हुई.
इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में डॉलर के मुकाबले रुपया 83.28 प्रति डॉलर के स्तर पर कमजोरी के साथ खुला और कारोबार के अंत में डॉलर के मुकाबले 35 पैसे औंधे मुंह लुढ़ककर 83.48 प्रति डॉलर (अस्थाई) पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान रुपये ने 83.52 प्रति डॉलर के निचले स्तर को छुआ था.
पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 83.13 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. इस तरह डॉलर के मुकाबले रुपये में 35 पैसे की बड़ी गिरावट दर्ज की गई. इससे पहले 13 दिसंबर, 2023 को रुपये ने 83.40 प्रति डॉलर के निम्नतम स्तर को छुआ था.
शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा के रिसर्च एनालिस्ट अनुज चौधरी ने कहा कि कमजोर यूरो और पाउंड के कारण अमेरिकी डॉलर मजबूत हुआ. यूरो में गिरावट आने की वजह यह रही कि स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) ने ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत से लेकर 1.5 प्रतिशत तक की कटौती कर बाजारों को आश्चर्यचकित कर दिया. इससे जून 2024 में यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ईसीबी) द्वारा ब्याज दर में कटौती की संभावना बढ़ गई है.
बैंक ऑफ इंग्लैंड के ब्याज दर को 5.25 प्रतिशत पर स्थिर रखने के बाद पाउंड में भी गिरावट आई. चौधरी ने कहा कि अमेरिका के मजबूत आर्थिक आंकड़ों ने भी अमेरिकी डॉलर का समर्थन किया. इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.31 प्रतिशत की तेजी के साथ 104.32 पर पहुंच गया.
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.05 प्रतिशत की गिरावट के साथ 85.74 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था. बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 190.75 अंक की तेजी के साथ 72,831.94 अंक पर बंद हुआ. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे. उन्होंने गुरुवार को 1,826.97 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की.