टेलीकॉम सेक्टर (telecom sector) को लेकर बुधवार को सरकार ने बड़ा ऐलान किया. सरकार ने इस सेक्टर (telecom sector) के लिए बड़ा राहत पैकेज मंजूर किया है. इसके बाद ऑटोमोबाइल और दूरसंचार कंपनियों के शेयरों में उछाल आया है. कैबिनेट ने दूरसंचार क्षेत्र (telecom sector) के लिए कई पैकेज की घोषणा की, जो दूरसंचार कंपनियों के लिए जरूरी राहत प्रदान करते हैं. दूरसंचार क्षेत्र (telecom sector) को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने पैकेज को मंजूरी दे दी है. केंद्र सरकार टेलीकॉम उद्योग के लिए एक लंबी अवधि के राहत पैकेज पर काम कर रही थी.
बता दें कि देश में कुछ टेलीकॉम कंपनियां इस समय वित्तीय संकट का सामना कर रही हैं. देश की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों में से एक भारती एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया का भारी एजीआर बकाया है. इससे पहले आठ सितंबर 2021 को हुई पिछली बैठक से भी दूरसंचार क्षेत्र को राहत की उम्मीद थी, लेकिन तब इस पर फैसला नहीं लिया गया.
सरकार ने कहा कि देनदारी को इक्विटी में कनवर्ट किया जाएगा. साथ ही, नॉन टेलीकॉम रेवेन्यू को एजीआर से हटाया जाएगा. सरकार ने टेलीकॉम में 100 परसेंट एफडीआई को भी मंजूरी दे दी. आज की कैबिनेट बैठक में सरकार ने 9 स्ट्रक्चरल रिफॉर्म को मंजूरी दे दी. इन सुधारों के बारे में अरसे से चर्चा चल रही थी. बुधवार की बैठक में सरकार ने इन सुधारों को हरी झंडी दिखा दी. मोदी कैबिनेट से 5 प्रोसेस रिफॉर्म को भी मंजूरी दे दी गई.
टेलीकॉम सेक्टर में 100 प्रतिशत तक एफडीआई को मंजूरी देने का ऐलान हुआ है. अब विदेशी कंपनियां भारत में किसी कंपनी में अपना पूरा शेयर लगा सकेगी या किसी भारतीय कंपनी को पूरी तरह से खरीद सकेगी. सरकार ने ऑटोमेटिक रूट से 100 परसेंट एफडीआई को मंजूरी दी है.
आज के इन फैसलों का बड़ा असर तब देखा जाएगा जब 5G मोबाइल नेटवर्क का ऑक्शन आएगा. उस समय मोबाइल के क्षेत्र में कई बड़े सुधार दिखेंगे. सभी एजीआर और स्पेक्ट्रम ड्यूज पर 4 साल का मॉरटोरियम दिया जाएगा.
Today, 9 structural reforms and 5 process reforms in the telecom sector have been approved; these reforms will change the framework of the entire telecom sector: Minister for Communications @AshwiniVaishnaw pic.twitter.com/DMWLDoK5ip
— PIB India (@PIB_India) September 15, 2021
सरकार के मुताबिक बैंक की बैलेंस सीट में टेलीकॉम सेक्टर से संबंधित जो भी एक्सपोजर था, वो कम हो जाएगा. टेलीकॉम शेयरिंग में कोई बंधन न हो इसके लिए स्पेक्ट्रम शेयरिंग को पूरी तरह मंजूर कर दिया गया है. AGR या एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू, नॉन टेलीकॉम रेवेन्यू AGR से निकाला जाएगा. AGR की को और विस्तार दिया जाएगा.
सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा, स्पेक्ट्रम के लाइसेंस और फीस, चार्जेज पर इंटरेस्ट और इंटरेस्ट पेनल्टी थी उसे भी रेशनलाइज किया गया है. कंपनियों पर लगा जुर्माना खत्म होगा और उसके ब्याज की गणना सालाना आधार पर होगी न कि मासिक. वह भी एक निश्चित MCLR पर. भविष्य में जो ऑक्शन दिए जाएंगे वो 20 की जगह 30 साल के लिए दिए जाएंगे. अगर किसी कंपनी को दिक्कत हुई तो वह 10 साल के बाद नियमों के मुताबिक स्पेक्ट्रम सरेंडर कर सकता है. स्पेक्ट्रम में पहले से ही 100 प्रतिशत एफडीआई था, लेकिन 49 प्रतिशत ऑटोमेटिक रूट से था, जिसे 100 प्रतिशत ऑटोमेटिक रूप से कर दिया गया है.