इजरायल-हमास युद्ध की वजह से लाल सागर में बढ़ा तनाव भारतीय अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ सकता है. तनाव की वजह से जहां एक तरफ भारत में इंपोर्टेड वस्तुओं की महंगाई बढ़ने की आशंका है वहीं दूसरी और पहले से सुस्त पड़े निर्यात पर और चोट भी पहुंच सकती है. लाल सागर के तनाव की वजह से शिपिंग कंपनियां स्वेज नहर के रास्ते सामान की आवाजाही से परहेज कर रही हैं जिस वजह से भारत में आयात होने वाले सामान और भारत से निर्यात होने वाले सामान की सप्लाई को लेकर लागत बढ़ने के आसार हैं.
लाल सागर के तनाव की वजह से भारत पर पड़ने वाले असर के आकलन के लिए इस हफ्ते भारत सरकार के अधिकारियों ने इंपोर्टर्स, एक्सपोर्ट और शिपिंग कंपनियों के प्रतिनिधियों से बैठक की है. इन अधिकारियों ने केंद्रीय वाणिज्य सचिव भी शामिल थे. बैठक के दौरान कई शिपिंग कंपनियों ने लाल सागर के रास्ते सामान की आवाजाही को लेकर सरकार से सुरक्षा की मांग भी की है.
दुनिया की दिग्गज शिपिंग कंपनी Maersk ने शुक्रवार को साफ कर दिया है कि वह स्वेज नहर के रास्ते फिलहाल अपने शिप नहीं भेजेगी. शिपिंग कंपनियों को अब भारत से यूरोप या अमेरिका सामान की आवाजाही के लिए अफ्रीका के रास्ते अपने शिप भेजने होंगे जिसमें लागत ज्यादा बढ़ जाएगी और आयात होने वाला सामान महंगा होगा तथा निर्यात होने वाले सामान की कीमत भी विदेशी बाजारों में बढ़ जाएगी और ऐसी स्थिति में विदेशी बाजारों में भारतीय माल को बेचने में चुनौती का सामना करना पड़ेगा.