रियल एस्टेट सेक्टर इनदिनों तेजी से बढ़ रहा है. आने वाले दिनों में भी इसमें जबरदस्त तेजी देखने को मिल सकती है. जिसके चलते यह देश के विकास में भी अहम योगदान देगा. जमीन जायदाद के विकास से जुड़ी कंपनियों की शीर्ष निकाय नारेडको (नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल) के मुताबिक 20250 तक देश की जीडीपी में रियल एस्टेट का 15 फीसद योगदान रहेगा.
नारेडको के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरि बाबू ने बुधवार को कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र तेजी की दहलीज पर खड़ा है. इसका मौजूदा बाजार मूल्यांकन 250 अरब डॉलर का है, जिसमें आगे 16-17 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है. ऐसे में साल 2050 तक इस क्षेत्र का देश की जीडीपी में लगभग 15 प्रतिशत का योगदान होगा. उन्होंने ये बात नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ रियल एस्टेट डेवलपमेंट (एनआईआरईडी) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में कही.
पेशेवरों की जरूरत पर दिया जोर
नारेडको के अध्यक्ष ने रियल एस्टेट सेक्टर में प्रशिक्षित पेशेवरों की जरूरत पर भी बात कही. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के बढ़ते दायरे, समय और इसमें शामिल मूल्य को देखते हुए बड़ी संख्या में प्रशिक्षित पेशेवरों की जरूरत होगी. इससे प्रतिभाओं को निखारने और बेहतरी को बढ़ावा देने में मदद करेगा.
लोगों को किया जाएगा जागरूक
दिल्ली रेरा के चेयरमैन आनंद कुमार का कहना है रियल एस्टेट एक गतिशील क्षेत्र है और बदलाव की गति पिछले कुछ साल में तेज हुई है. हालांकि, तमाम कोशिशों के बावजूद लोगों को रेरा के प्रावधानों और दिशानिर्देशों की जानकारी नहीं है. इसी को ध्यान में रखते हुए रेरा तमाम वर्कशॉप आयोजित कर रही है, जिससे लोगों को नियमों के प्रति जागरूक किया जा सके. इस कार्यशाला का मकसद रियल एस्टेट क्षेत्र से जुड़े विभिन्न पक्षों को जरूरी और व्यापक प्रशिक्षण प्रदान करना है.