दुनियाभर में चल रही आर्थिक अनिश्चितता और यूएस फेड के ब्याज दरों में कटौती न करने के फैसले को ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने इस बार भी ब्याज दरें नहीं बदली है. RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने मोनेटरी पॉलिसी बैठक में रेपो रेट को 6.50% पर बरकरार रखने की घोषणा की. इस दौरान आरबीआई गवर्नर ने महंगाई को काबू पाने को लेकर भी कई अहम ऐलान किए. उन्होंने कहा कि महंगाई दर को नीचे लाने की प्रक्रिया में अबतक कामयाबी मिली है. मगर देश की आर्थिक ग्रोथ के लिए यह जरूरी है कि कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित महंगाई दर नरम बनी रहे और यह टिकाऊ रूप से तय लक्ष्य के आसपास रहे. केंद्रीय बैंक ने FY25 के लिए खुदरा महंगाई दर 4.5% रहने का अनुमान लगाया है.
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि इस साल मानसून के अच्छे रहने पर महंगाई तय लक्ष्य के आसपास रह सकती है. फरवरी में महंगाई दर 5.1% पर थी. जबकि मार्च महीने के लिए महंगाई दर 5.2% पर रहने का अनुमान है. खुदरा महंगाई दर के भी इस साल कम होने की उम्मीद जताई जा रही है. करीब दो साल पहले अप्रैल 2022 में महंगाई दर 7.8% पर थी. महंगाई को नियंत्रण में आता देख आरबीआई गवर्नर ने कहा कि उस समय सबसे बड़ा हाथी महंगाई थी, लेकिन अब यह हाथी जंगल की ओर दौड़ते हुए भाग रहा है.” यानी महंगाई दर वापस कम होने लगी है.
फूड इंफ्लेशन में है अस्थिरता
RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि फूड इंफ्लेशन में काफी अस्थिरता बनी हुई है, जिसकी वजह से महंगाई दर के नीचे आने की प्रक्रिया में समस्या आ रही है. उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2025 के GDP अनुमान और ग्रोथ की मजबूत रफ्तार को देखते हुए पॉलिसी के स्तर पर कीमतों में स्थिरता पर ध्यान देने में कोई दिक्कत नहीं होगी.
जीडीपी पर क्या है आरबीआई का अनुमान?
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित महंगाई दर के पहली तिमाही में 4.9 फीसदी रहने, दूसरी तिमाही में 3.8 फीसदी रहने, तीसरी तिमाही में 4.6 फीसदी रहने और चौती तिमाही में 4.5 फीसदी रहने का अनुमान है. इसके अलावा वित्त वर्ष 2025 में रियल जीडीपी ग्रोथ (Real GDP growth) के 7% पर रहने का अनुमान है. पहली तिमाही में रियल जीडीपी ग्रोथ के 7.1 फीसदी रहने, दूसरी तिमाही में 6.9 फीसदी रहने और तीसरी व चौथी तिमाही में इसके 7 फीसदी पर रहने की संभावना है.