भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) वित्त वर्ष 2025 में सरकार को लगभग 1 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर कर सकता है. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है. रिपोर्ट में कहा गया है कि RBI को वित्तीय वर्ष 2024-25 (FY25) के लिए एक मजबूत डिविडेंड भुगतान बनाए रखने की उम्मीद है. यह अनुमान पिछले वित्त वर्ष में ट्रांसफर 874 अरब रुपये से थोड़ा ज्यादा है.
डिविडेंड का बजट
रिपोर्ट में कहा गया है कि “सरकार ने RBI और PSU बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए FY25 डिविडेंड का बजट 1020 अरब रुपये रखा है. FY24 में यह 1044 अरब रुपये था. पिछले वर्ष की तरह इस बार भी सकारात्मक बदलाव हो सकता है जब प्रारंभिक बजट अनुमान में डिविडेंड केवल 480 अरब रुपये था.
रिपोर्ट में विश्लेषकों ने पिछले वित्तीय वर्ष के समान संभावित पॉजिटिव सरप्राइज की भविष्यवाणी की है. विश्लेषकों का अनुमान है कि इस बार भी मजबूत डिविडेंड आंकड़े जारी रहेंगे.
70% फॉरेन करंसी एसेट्स का हिस्सा
भारतीय रिज़र्व बैंक की बैलेंस शीट में लगभग 70% फॉरेन करंसी एसेट्स का हिस्सा है जबकि लगभग 20% घरेलू सरकारी बांडों में रखा गया है. ऐसा अनुमान है कि इन सिक्योरिटीज से मिली ब्याज आय 1.5-1.7 लाख करोड़ रुपये के दायरे में रहेगी. इसके अलावा लिक्विडिटी ऑपरेशन्स से मिले ब्याज ने भी RBI की कमाई बढ़ाई है.
जबकि बिक्री की मात्रा कम होने की वजह से विदेशी मुद्रा बिक्री से RBI की आय में कमी आई है. रिजर्व की वेटेड एवरेज कॉस्ट बढ़ने के बावजूद से उनके पर्याप्त बने रहने की उम्मीद है.
बढ़ा RBI का डिविडेंड
इसके अलावा, प्रोविजन में गिरावट ने RBI के डिविडेंड को बढ़ाने में योगदान दिया है. जालान समिति में बताए गए इकनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क के मुताबिक आरक्षित निधि के प्रोविजन में, बैलेंस शीट की वृद्धि की वजह से कंटिजेंसी फंड प्रोविजन में वृद्धि देखी गई.
बाज़ारों पर RBI डिविडेंड घोषणा का प्रभाव निकट अवधि में सीमित हो सकता है. विशेष रूप से चल रहे चुनावों के कारण सरकारी खर्च में देरी हो सकती है.