अयोध्या में राम मंदिर के भव्य उद्घाटन से शहर में प्रति वर्ष कम-से-कम पांच करोड़ पर्यटकों के आने की संभावना है. यह संख्या स्वर्ण मंदिर और तिरूपति मंदिर में जाने वाले श्रद्धालुओं से कहीं अधिक है. ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने अपनी एक रिपोर्ट में अनुमान जताया है कि हवाई अड्डे जैसे बुनियादी ढांचे पर बड़े पैमाने पर खर्च करने से उत्तर प्रदेश का यह शहर एक बड़े पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित हो जाएगा.
रिपोर्ट के मुताबिक एक नए हवाई अड्डे, विस्तारित रेलवे स्टेशन, आवासीय योजनाओं और बेहतर सड़क संपर्क के साथ नए होटलों और अन्य आर्थिक गतिविधियों के चलते यहां प्रति वर्ष पांच करोड़ से अधिक पर्यटक आ सकते हैं. एक अनुमान के मुताबिक अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में प्रति वर्ष 3-3.5 करोड़ लोग आते हैं, जबकि तिरूपति मंदिर में 2.5-3 करोड़ लोग आते हैं. विश्व स्तर पर, वेटिकन सिटी में हर साल लगभग 90 लाख पर्यटक आते हैं और सऊदी अरब के मक्का में लगभग दो करोड़ पर्यटक आते हैं.
जेफरीज के अनुसार, ‘धार्मिक पर्यटन अभी भी भारत में पर्यटन का सबसे बड़ा खंड है. कई लोकप्रिय धार्मिक केंद्र बुनियादी ढांचे की बाधाओं के बावजूद हर साल 1-3 करोड़ पर्यटकों को आकर्षित करते हैं. इसलिए, बेहतर संपर्क और बुनियादी ढांचे के साथ एक नए धार्मिक पर्यटन केंद्र (अयोध्या) का निर्माण एक बड़ा आर्थिक प्रभाव पैदा कर सकता है.’
रिपोर्ट में कहा गया कि पर्यटन ने वित्त वर्ष 2018-19 (कोविड-पूर्व) के दौरान जीडीपी में 194 अरब डॉलर का योगदान दिया और वित्त वर्ष 2032-33 तक इसके आठ प्रतिशत की दर से बढ़कर 443 अरब डॉलर होने की उम्मीद है. रिपोर्ट के मुताबिक अयोध्या में नए हवाई अड्डे का चरण -1 चालू हो गया है और यह 10 लाख यात्रियों को संभाल सकता है। रेलवे स्टेशन को प्रतिदिन 60,000 यात्रियों को संभालने के लिए विस्तारित किया गया है.
वर्तमान में अयोध्या में 590 कमरों वाले लगभग 17 होटल हैं। इसके अलावा 73 नए होटल तैयार किए जा रहे हैं. इंडियन होटल्स, मैरियट और विंडहैम पहले ही होटल बनाने के लिए समझौते कर चुके हैं. आईटीसी भी अयोध्या में संभावनाएं तलाश रही है। ओयो की योजना अयोध्या में 1,000 कमरे जोड़ने की है.