फोर्स मोटर्स (Force Motors) ने डीजल से चलने वाले वाणिज्यिक वाहनों के खिलाफ अवैज्ञानिक और ‘बेबुनियाद पूर्वाग्रह’ होने की बात करते हुए शहरों के भीतर इन वाहनों की मुक्त आवाजाही की मांग की है. वाणिज्यिक, यात्री और कृषि वर्ग में डीजल से चलने वाले वाहन बेचने वाली पुणे की कंपनी (Force Motors) ने 2020-21 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि डीजल वाहन देश के अनिवार्य नियमों को पूरा करते हैं और उस वजह से उनकी आवाजाही को प्रतिबंधित करने का कोई मतलब नहीं बनता.
वाहन निर्माता कंपनी ने कहा, ‘डीजल से चलने वाले उन वाहनों के इस्तेमाल पर लगे स्थानीय क्षेत्र के बेबुनियाद प्रतिबंध अतार्किक हैं जो वास्तव में राष्ट्रीय स्तर पर अनिवार्य मानदंडों को पूरा करते हैं. जहां वाहन के सभी वर्गों के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का लक्ष्य हासिल कर शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने का उद्देश्य पूरा करने में कम से कम एक दशक का समय लगेगा, अनिवार्य मानदंडों को पूरा करने वाले डीजल वाहन शहरों के भीतर भी एक उत्कृष्ट समाधान हैं.’
कंपनी ने कहा कि इस संबंध में अवैज्ञानिक और बेबुनियाद पूर्वाग्रहों को दूर करने की जरूरत है. गौरतलब है कि वायु प्रदूषण में वृद्धि के डर से, कई राज्य शहरों के भीतर या उन हिस्सों में डीजल इंजन वाले वाणिज्यिक वाहनों की आवाजाही की मंजूरी नहीं देते हैं जहां वे पर्यावरण के अनुकूल वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करते हैं.
पिछले महीने, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वाहन निर्माताओं से डीजल इंजन वाले वाहनों के उत्पादन और बिक्री को हतोत्साहित करने एवं अन्य तकनीकों को बढ़ावा देने की अपील की थी.