प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2021 को दिल्ली के लाल किले से देश में रोजगार पैदा करने के मकसद से करोड़ों रुपये की मेगा योजना गति शक्ति योजना (Gati Shakti Yojana) का ऐलान किया था. उन्होंने आज इसका शुभारंभ कर दिया. देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए 100 लाख करोड़ रुपये की गति शक्ति योजना से देश में लाखों युवाओं को रोजगार के मौके उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी.
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा हम अगले 25 वर्षों के लिए नींव रख रहे हैं. यह राष्ट्रीय मास्टर प्लान 21वीं सदी की विकास योजनाओं को ‘गतिशक्ति’ देगा और इन योजनाओं को समय पर पूरा करने में मदद करेगा. अगली पीढ़ी के इंफ्रास्ट्रक्चर और ‘मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी’ को इस राष्ट्रीय योजना से गति शक्ति मिलेगी. पीएम मोदी ने कहा कि इस योजना से सभी प्रोजेक्ट अब तय समय पर पूरे होंगे और टैक्स का एक भी पैसा बर्बाद नहीं होगा.
16 मंत्रालय का ग्रुप
गति शक्ति योजना के लिए 16 मंत्रालयों का एक ग्रुप बनाया गया है, जो मुख्यतः आधारभूत संरचनाओं से संबंधित है. इसमें रेलवे, सड़क परिवहन, पोत, आईटी, टेक्सटाइल, पेट्रोलियम, ऊर्जा, उड्डयन जैसे मंत्रालय शामिल हैं. इन मंत्रालयों के जो प्रोजेक्ट चल रहे हैं या साल 2024-25 तक जिन योजनाओं को पूरा करना है, उन सबको गति शक्ति योजना के तहत डाल दिया जाएगा.
बुनियादी ढांचों के विकास में बड़ा कदम
मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी लोगों, वस्तुओं और सेवाओं के परिवहन के एक साधन से दूसरे मोड में आवाजाही के लिए एकीकृत और निर्बाध संपर्क प्रदान करेगी. यह बुनियादी ढांचे की अंतिम गंतव्य कनेक्टिविटी की सुविधा और लोगों के लिए यात्रा के समय को भी कम करने में सहायक होगी. यह आगामी कनेक्टिविटी परियोजनाओं, अन्य व्यावसायिक केंद्रों, औद्योगिक क्षेत्रों और आसपास के वातावरण के बारे में लोगों और व्यावसायिक समुदाय की जानकारी प्रदान करेगी. निवेशकों को उपयुक्त स्थानों पर अपने व्यवसाय की योजना बनाने में भी मदद मिलेगी.
कैसे होगा योजना पर अमल?
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के तहत भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग और भू-सूचना विज्ञान संस्थान (BISAG-N) ने गति शक्ति योजना की निगरानी के लिए प्लेटफार्म विकसित किया है. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) सभी परियोजनाओं की निगरानी और कार्यान्वयन के लिए नोडल मंत्रालय बनाया गया है. इंफ्रा परियोजनाओं का जायजा लेने के लिए एक राष्ट्रीय योजना समूह नियमित रूप से बैठक करेगा. किसी भी नई जरूरत को पूरा करने के लिए मास्टर प्लान में किसी बदलाव को कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली समिति मंजूरी देगी.