PM-SYM योजना में क्‍यूं आधे लोगों ने भी नहीं कराया नामांकन? ये है कारण

PM-SYM Scheme: PM-SYM योजना असंगठित क्षेत्रों के ऐसे कर्मचारियों के लिए है जिनकी मासिक आय 15,000 रुपये से कम है. ऐसे लोग इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.

PM-SYM Scheme: Half of the people did not enroll in the pension scheme in October as compared to September

image: PBNS, प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM) 2019 में असंगठित क्षेत्रों के श्रमिकों के लिए शुरू की गई थी.

image: PBNS, प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM) 2019 में असंगठित क्षेत्रों के श्रमिकों के लिए शुरू की गई थी.

प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM) 2019 में असंगठित क्षेत्रों के श्रमिकों के लिए शुरू की गई थी. असंगठित श्रमिकों के लिए बहुप्रचारित पेंशन योजना सितंबर में 85 के बाद अक्टूबर में 35 नामांकन करने में सफल रही. एक हिसाब से देखा जाए तो यह आंकड़ा सितंबर की तुलना में आधे से भी कम है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM)असंगठित क्षेत्रों के कर्मचारियों के लिए है जैसे रिक्शा चालक, मजदूर, घरों में काम करने वाले नौकर जिनकी मासिक आय 15,000 रुपये से कम है. ऐसे लोग इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. इसको पाने के लिए नामांकन कराना जरूरी है.

अब तक प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM) के तहत मासिक सदस्यों की औसत संख्या 2,366 रही है, जो 2020-21 में 10,768 और उसके पिछले साल में 1,31,350 थी. जो पिछले साल की तुलना में काफी कम है और इसमें काफी गिरावट दर्ज की गई है.

इस गिरावट के पीछे सरकार त्योहारी सीजन को जिम्मेदार ठहरा रही है. वहीं दूसरी ओर विशेषज्ञ मान रहे हैं कि देरी से भुगतान होने के कारण अब यह आकर्षक नहीं रही है.

तीन साल पहले इस योजना के लागू होने के बाद से अक्टूबर तक कुल मिलाकर 4.51 करोड़ अनौपचारिक श्रमिकों का नामांकन किया गया है. जो भारत में वास्तविक अनौपचारिक श्रमिकों की संख्या की तुलना में बहुत कम है.

भारत में अनौपचारिक श्रमिकों की अनुमानित संख्या 380 करोड़ है.

नामांकन की संख्या में कमी आई

एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा, सितंबर और अक्टूबर में PM-SYM के तहत नामांकन की संख्या में भारी कमी आई है. हालांकि यह भविष्य के लिए की गई बचत को त्योहारी महीनों के दौरान खर्च करने का कारण हो सकता है.

वहीं कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि लाभ लेने में देरी के कारण इस योजना का आकर्षण कम हो गया है. श्रम अर्थशास्त्री केआर श्याम सुंदर ने कहा, “असंगठित कर्मचरियों को इस योजना में शामिल होने के लिए पर्याप्त प्रोत्साहन नहीं दिया जाता है, इसका काफी समय बाद उन्हें लाभ मिलता है. आय के स्तर में गिरावट और भविष्य की अनिश्चितता के साथ समस्या बढ़ गई है.

Published - November 12, 2021, 11:36 IST