Ujjwala scheme: पीएम मोदी 10 अगस्त को ‘उज्ज्वला’ के दूसरे संस्करण (Ujjwala 2) को लॉन्च करेंगे. यह योजना भारत सरकार की प्रमुख सामाजिक कल्याण योजनाओं में से एक है. प्रधानमंत्री मोदी ने मई 2016 में यूपी के बलिया जिले से इस योजना की शुरुआत की थी और 2017 में उत्तर प्रदेश में बीजेपी को शानदार बहुमत मिला था.
अगले साल उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव हैं, ऐसे में पार्टी इस योजना से अपनी सियासी जमीन को और मजबूत करना चाहेगी. एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस योजना के लागू होने के बाद देश भर में समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बीच बीजेपी पार्टी की नींव मजबूत हुई है.
उज्ज्वला के बाद एलपीजी कनेक्शन में हुई बढ़ोतरी
इस योजना के तहत फ्री में एलपीजी गैस का कनेक्शन गरीब परिवारों को प्रदान किया जाता है. इस स्कीम को गरीब परिवारों में महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने के लिए डिजाइन किया गया है. इस योजना ने देश में एलपीजी कवरेज को 91 फीसद तक बढ़ाने में मदद की है. एक एलपीजी गैस सिलेंडर की पूरी कीमत पिछले साल जून तक 8.3 करोड़ लाभार्थियों के बैंक खाते में अग्रिम रूप से जमा कर दी गई थी. ताकि गरीब परिवार के लोग इस विशेष पैकेज का लाभ आसानी से उठा सकें.
उज्ज्वला योजना के पहले फेस में, गरीब परिवारों के 8 करोड़ लोगों को मार्च 2020 तक कवर किया जाना था. लेकिन इस लक्ष्य को समय सीमा से सात महीने पहले ही पूरा कर लिया गया था.
क्या है उज्ज्वला-2
उज्ज्वला-2 योजना का उद्देश्य एक करोड़ गरीब परिवारों को दो साल में मुफ्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान करना है. इसमें वो लोग शामिल होंगे जो पहले चरण के तहत कवर किए गए लोगों की तुलना में गरीब हैं. सरकार ने दूसरे चरण का एलान साल 20201 के बजट में किया था, लेकिन कोई फंड आवंटित नहीं किया गया था. तेल मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि 14,073 करोड़ रुपये के ईंधन सब्सिडी आवंटन में उज्ज्वला 2 के तहत प्रत्येक कनेक्शन की 1,600 रुपये की लागत शामिल होनी चाहिए.
इस स्कीम को सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना में गरीब परिवारों के साथ शुरू किया गया था. साल 2018 में, सभी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के परिवारों, अधिकांश पिछड़ा वर्ग, पीएम आवास योजना (ग्रामीण), अंत्योदय अन्न योजना, वनवासियों, चाय बागानों के श्रमिकों और द्वीपों पर रहने वाले लोगों को इस स्कीम में शामिल करने के लिए इसके दायरे का विस्तार किया गया था.