प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने वाशिंगटन डीसी में विश्व के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों-सीईओ और उद्योगपतियों से मुलाकात की. उन्होंने फर्स्ट सोलर, जनरल एटोमिक्स, एडोब, ब्लैक्स्टोन और क्वालकॉम कम्पनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियो के साथ बैठक की. विश्व की जानी-मानी निवेश कम्पनी ब्लैकस्टोन के सीईओ स्टीफन स्वार्जमैन ने कहा है कि भारत विश्व में निवेश का सर्वश्रेष्ठ बाजार है. प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) से मुलाकात के बाद श्री स्वार्जमैन ने भारत में ब्लैकस्टोन के निवेश और इसमें तेजी लाने की अपनी योजनाओं का ब्योरा दिया.
श्री मोदी (PM Modi) ने कहा कि भारत में ब्लैकस्टोन की भागीदारी को आगे ले जाने की अपार सम्भावनाएं हैं. उन्होंने भारत में हुए सुधारों को भी जिक्र किया. प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से परिसम्पत्ति मुद्रीकरण और बैड बैंक के बारे में बात की. भारत को विश्व में सबसे तेज आगे बढ़ने वाले देशों में से एक बताते हुए श्री स्वार्जमैन ने कहा कि वे भारत की क्षमता के बारे में काफी आशान्वित हैं। उन्होंने भारत में किए जा रहे सुधारों की भी सराहना की.
जनरल एटोमिक के सीईओ, विवेक लाल ने ड्रोन के क्षेत्र में भारत की नीतियों और सुधारों की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद श्री लाल ने कहा कि भारत के अंतरिक्ष सुधारों की सभी सराहना कर रहे हैं. बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने भारत की उदारवादी ड्रोन नीति और विनिर्माण क्षेत्र में अवसरों के बारे में भी बात की। श्री विवेक लाल ने कहा कि भारत ड्रोन निर्माण के लिए एक आकर्षक केन्द्र है. उन्होंने यह भी कहा कि ड्रोन की समूची प्रणाली को सहयोग देने के लिए भारत में एक विशेष केन्द्र का सृजन किया जा सकता है.
प्रधानमंत्री मोदी और फर्स्ट सोलर के सीईओ मार्क विडमार भारत में सौर उपकरणों का निर्माण बढ़ाने पर सहमत हुए. श्री विडमार ने जलवायु परिवर्तन और इससे जुड़े उद्योगों के बारे में भारत की नीतियों पर प्रसन्नता व्यक्त की. श्री मोदी ने वन वर्ल्ड, वन सन और वन ग्रिड पहल और इसकी सम्भावनाओं के बारे में बात की। उन्होंने 450 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य का भी उल्लेख किया. सौर ऊर्जा क्षेत्र में विनिर्माण के बारे में भारत की स्थिति का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि सौर ऊर्जा क्षेत्र में कम्पनियां भारत के उत्पादन से जुड़े पहल कार्यक्रमों- पीएलआई का अधिक से अधिक लाभ उठा सकती है. प्रधानमंत्री ने भारत के ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के बारे में भी बात की.
श्री विडमार ने भारत की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत ने जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में जो कुछ किया है, उसका सभी देशों को अनुकरण करना चाहिए.
प्रधानमंत्री मोदी की क्वालकॉम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रिस्टियानों एमॉन से भी मुलाकात हुई. क्वालकॉम भारत में, अनुसंधान और विकास सहित कई क्षेत्रों में काम कर रहा है. श्री एमॉन ने फाइव-जी, पीएम वाणी सहित महत्वाकांक्षी डिजिटल परिवर्तंन कार्यक्रमों में भारत के साथ काम करने की इच्छा व्यक्त की.
श्री एमॉन ने भारत में अतुलनीय अवसरों के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा कि भारत एक बड़े बाज़ार के साथ-साथ, बड़ा निर्यातक बाज़ार भी है. उन्होंने कहा कि भारतीय बाजा़र में विनिर्माण क्षेत्र में भारत के लिए यह केवल उचित समय ही नहीं है, बल्कि दूसरे देशों की जरूरतों के लिए उसे काम करने की योजना भी तैयार करना है. श्री एमॉन ने सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में भारत के साथ काम करने की इच्छा व्यक्त की.
प्रधानमंत्री मोदी ने क्वालकॉम को भरोसा दिया कि भारत उनके प्रस्तावों पर सकारात्मक रूप से कार्यं करेगा। श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के पास महत्वाकांक्षी परियोजनाओं का पैमाना है. उन्होंने कहा कि भारत ने फाइव-जी मानक तैयार किए हैं. उन्होंने क्वालकॉम से इसमें सक्रिय रूप से भागीदारी बनने पर जोर दिया, जैसा कि उन्होंने नाविक के मामले में किया था. प्रधानमंत्री ने कहा कि क्वालकॉम ने भारत की प्रतिभा के प्रति पहले ही विश्वास व्यक्त किया है, इसलिए वह भारतीय प्रतिभाओं पर विश्वास कर सकता है और पीएलआई प्रस्तावों के फायदे के साथ विनिर्माण शुरू कर सकता है. श्री मोदी ने नई उदारवादी ड्रोन नीति का भी जिक्र किया और कहा कि क्वालकॉम उभरते नए बाज़ार के नए अवसरों में हिस्सा ले सकता है.
प्रधानमंत्री मोदी की एडोब के सीईओ शांतनु नारायण के साथ भी सकारात्मक बैठक हुई. श्री नारायण ने कोविड से निपटने में विशेष रूप से त्वरित टीकाकरण के बारे में भारत के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने भारत की स्वंत्रता के 75वें वर्ष में योगदान करने में रूचि दिखाई. उन्होंने भारत में प्रत्येक बालक के लिए वीडियो एनिमेशन लाने की भी इच्छा व्यक्त की. प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्येक बच्चे के लिए स्मार्ट शिक्षा महत्वपूर्ण है, जो कि प्रौद्योगिकी को महत्वपूर्ण बनाता है. उन्होंने कहा कि कोविड काल में डिजिटल शिक्षा का आधार रखा गया और इसे अब आगे ले जाने की जरूरत है.
प्रधानमंत्री मोदी और शांतनु नारायण ने भारत में कुछ उत्कृष्ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बनाने पर भी जोर दिया. श्री नारायण ने कहा कि भारत में निवेश उनकी कम्पनी का गुप्त हथियार है.