प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती पर खादी उत्पादों के रिकॉर्ड कारोबार का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि हम खादी के उत्पाद खरीदें और बापू की जयंती बड़े उत्साह के साथ मनाएं. पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 81वें संस्करण को संबोधित करते हुए स्वच्छता अभियान का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि ये महात्मा गांधी को इस देश की बहुत बड़ी श्रद्धांजलि है और ये श्रद्धांजलि हमें हर बार देते रहना है. उन्होंने कहा कि बापू ने स्वच्छता को स्वाधीनता से जोड़ा था, वैसे ही खादी को आजादी की पहचान बना दिया था. आज आजादी के 75वें साल में हम जब आजादी के अमृत महोत्सव को मना रहे हैं. आज हम संतोष से कह सकते हैं कि आजादी के आंदोलन में जो गौरव खादी को था, हमारी युवा पीढ़ी खादी को वो गौरव दे रही है.
गांधी जयंती पर खादी उत्पादों की खरीदारी का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर बापू की जयंती पर हम सब फिर से एकबार एक नया रिकॉर्ड बनाएं। उन्होंने दिवाली के मद्देनजर कहा कि त्योहारों के मौसम के लिए खादी, हैंडलूम, कुटीर उद्योग से जुड़ी आपकी हर खरीदारी ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को मजबूत करने वाली हो। उन्होंने आगे कहा कि आज खादी और हैंडलूम का उत्पादन कई गुना बढ़ा है और उसकी मांग भी बढ़ी है. ऐसे कई अवसर आये हैं जब दिल्ली के खादी शोरूम में एक दिन में एक करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार हुआ है.
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 81वें संस्करण को संबोधित करते हुए नदियों को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए सामूहिक प्रयासों और महात्मा गांधी की जयंती पर खादी उत्पादों के रिकॉर्ड कारोबार का आह्वान किया. त्योहारों के मौसम से पहले प्रधानमंत्री ने लोगों से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि कोई भी टीकाकरण के “सुरक्षा चक्र” से बाहर न रहे.
प्रधानमंत्री ने देश में जनधन खातों और डिजिटल लेनदेन का उल्लेख करते हुए कहा कि आर्थिक स्वच्छता में प्रौद्योगिकी बहुत मदद कर सकती है. उन्होंने कहा कि आर्थिक स्वच्छता गरीबों को अधिकार सुनिश्चित कर उनका जीवन आसान बनाती है। उन्होंने कहा कि जनधन खातों की वजह से आज गरीबों को उनके हक का पैसा सीधा, सीधा उनके खाते में जा रहा है जिसके कारण भ्रष्टाचार जैसे रुकावटों में बहुत बड़ी मात्रा में कमी आई है. उन्होंने कहा कि पिछले अगस्त महीने में यूपीआई से 355 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ. आज औसत 6 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का डिजिटल पेमेंट यूपीआई से हो रहा है. इससे देश की अर्थव्यवस्था में स्वच्छता, पारदर्शिता आ रही है और हम जानते है अब फिन-टेक का महत्व बहुत बढ़ रहा है.