Petrol-Diesel Price: देशभर में पेट्रोल और डीजल के दामों लगातार हो रही तेजी ने आम आदमी की कमर तोड़ रखी है और इस तेजी के पीछे के कारण कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी को बताया जा रहा है. विश्व स्तर पर तेल के दाम साल 2014 के बाद सबसे उच्च स्तर पर हैं. मंगलवार को सुबह ब्रेंट क्रूड 83.53 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया जिससे अनुमान लगाया जा रहा है पेट्रोल और डीजल के दाम और भी ज्यादा बढ़ सकते हैं. वहीं पेट्रोल की कीमतों में पिछले 15 दिनों से लगातार उछाल देखा जा रहा है. इस समय पेट्रोल के दाम रिकॉर्ड उच्च स्तर पर हैं.
ब्रेंट क्रूड मंगलवार सुबह 0.3% बढ़कर 83.86 डॉलर पर पहुंच गया, जो तीन साल में सबसे अधिक है. सोमवार को दिल्ली में पेट्रोल के दाम 104.44 रुपए प्रति लीटर और डीजल 93.17 रुपए प्रति लीटर था.
भारत के वित्तीय केंद्र मुंबई में पेट्रोल 29 पैसे प्रति लीटर महंगा हुआ जो अब 110.41 रुपए प्रति लीटर पर बेचा जा रहा है जो चार मेट्रो शहरों में सबसे अधिक है. मुंबई में एक लीटर डीजल की कीमत 101.03 रुपए हो गई है.
अक्टूबर की शुरुआत से ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और कीमतें अभी तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं.
कच्चे तेल की कीमतों में तेजी का सीधा असर ईंधन की कीमतों पर पड़ता है, यही कारण है कि ईंधन के दाम भी लगातार बढ़ रहें हैं. वहीं ओपेक द्वारा प्रति दिन 0.4 मिलियन बैरल से ब्रेंट क्रूड के दाम में वृद्धि की जा रही है.
कुछ दिन पहले ही ओपेक पर कच्चे तेल के दामों को दायरे में रखते हुए कम करने के लिए दबाव डाला गया था, लेकिन ओपेक ने साफ इंकार कर दिया. दामों में किसी भी बदलाव को लेकर विश्व कि तेल विपणन कंपनियां एक दूसरे पर नजर रखें हुए हैं.
दामों को बढ़ाने के लिए उन्हें मजबूर होना पढ़ रहा है. वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों में भिन्नता के कारण, ओएमसी इस प्रक्रिया को पूरी तरह से लागू करने में असमर्थ रहा है.