पेट्रोल-डीजल की कीमतों में असल राहत चाहिए तो GST का लेना होगा सहारा

Fuel Prices: विधानसभा चुनाव के बाद पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी न हो, इसका एक ही स्थायी समाधान है. वह ये कि फ्यूल को GST के दायरे में लाया जाए

petrol diesel price control will happen only if brought under gst

एक्साइज और VAT में कुछ राज्यों ने कटौती की है. अगर बाकी राज्य भी ऐसा करते हैं, तो आम आदमी को अधिक राहत मिलेगी

एक्साइज और VAT में कुछ राज्यों ने कटौती की है. अगर बाकी राज्य भी ऐसा करते हैं, तो आम आदमी को अधिक राहत मिलेगी

केंद्र ने आखिरकार पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटा दी है. अगर सभी राज्यों ने VAT घटा दिया, तो इस कटौती का असल फायदा मिलेगा. पिछले कुछ वर्षों में कोई सबसे बड़ी चिंता रही है तो वह पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार होती बढ़त है. कम से कम दो इकनॉमिक रिसर्च एजेंसियों ने इसी साल अपनी कैल्कुलेशन सार्वजनिक की थीं. उनमें बताया गया था कि केंद्र ने पेट्रोल और डीजल से जितना राजस्व बटोरा है, वह उससे कहीं अधिक है जितने की उसे वित्त वर्ष के लिए बजट में लगाए गए अनुमान को पूरा करने के लिए जरूरत थी.

उनका यह भी अनुमान रहा कि सरकार ने अगर 8-8.50 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से कटौती की तो उसके रेवेन्यू कलेक्शन पर असर नहीं पड़ेगा. एक्साइज और VAT में कुछ राज्यों ने कटौती की है. अगर बाकी राज्य भी ऐसा करते हैं, तो आम आदमी को अधिक राहत मिलेगी. कुछ रिपोर्ट्स में अनुमान लगाया गया है कि इस छूट से रिटेल इनफ्लेशन पर करीब 30 बेसिस पॉइंट का आराम मिलेगा.

हालांकि, यहां भी एक दिक्कत है. अगर कच्चे तेल की कीमतें वैश्विक स्तर पर बढ़ती रहीं तो कुछ ही हफ्तों या महीनों में कटौती से मिला फायदा सब बराबर हो जाएगा. विधानसभा चुनाव के बाद पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी न हो, इसका एक ही स्थायी समाधान है. वह ये कि फ्यूल को GST के दायरे में लाया जाए.

इसपर कई बार चर्चा हो चुकी है. मगर किसी सरकार ने अब तक ऐसा करने के लिए लिखित में GST काउंसिल को आदेश नहीं दिया है. माना जा रहा है कि ऐसा हुआ तो दोनों कमोडिटी के दाम घटकर 70-80 रुपये प्रति लीटर पर आ जाएंगे.

अर्थव्यवस्था वापस पटरी पर आ रही है. सरकार को अब सिर्फ कहना ही नहीं, बल्कि फ्यूल को GST के दायरे में लाने पर सक्रीयता से काम करना चाहिए. कोरोना महामारी की मार से राहत देने के लिए किए गए उपाय जल्द खत्म होने वाले हैं. पहले से परेशान देशवासियों को और बोझ अपने ऊपर नहीं चाहिए.

Published - November 6, 2021, 07:11 IST