अगस्त में बढ़ी पेट्रोल की खपत, लेकिन घट गई डीजल की मांग

Petrol-Diesel: अगस्त में पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा 24.3 लाख टन से ज्यादा पेट्रोल की बिक्री की गई, जो अगस्त 2020 की बिक्री से 13.6% ज्यादा है.

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image: pixabay, डीजल की बिक्री में अगस्त 2019 की बिक्री की तुलना में 9.8% की गिरावट देखी गई. यह अगस्त 2020 की तुलना में 15.9% अधिक थी. अगस्त 2021 में, बिक्री 49.4 लाख टन थी. डीजल देश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले ईंधन में से एक है.

image: pixabay, डीजल की बिक्री में अगस्त 2019 की बिक्री की तुलना में 9.8% की गिरावट देखी गई. यह अगस्त 2020 की तुलना में 15.9% अधिक थी. अगस्त 2021 में, बिक्री 49.4 लाख टन थी. डीजल देश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले ईंधन में से एक है.

Petrol-Diesel: स्टेट फ्यूल रिटेलर्स के प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार अगस्त में पेट्रोल की खपत में वृद्धि जारी रही. हालांकि इसी महीने डीजल की बिक्री में गिरावट देखी गई. कोविड के पहले जो पेट्रोल की खपत थी मौजूदा खपत उससे भी ऊपर पहुंच चुकी है. अगस्त में सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा 24.3 लाख टन से ज्यादा पेट्रोल की बिक्री की गई, जो अगस्त 2020 की बिक्री से 13.6% ज्यादा है. यह अगस्त 2019 में 23.3 लाख टन की प्री-कोविड पेट्रोल बिक्री की तुलना में 4.1% ज्यादा है.

डीजल की बिक्री में 9.8% की गिरावट

दूसरी ओर, डीजल की बिक्री में अगस्त 2019 की बिक्री की तुलना में 9.8% की गिरावट देखी गई. यह अगस्त 2020 की तुलना में 15.9% अधिक थी. अगस्त 2021 में, बिक्री 49.4 लाख टन थी. डीजल देश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले ईंधन में से एक है.

अगस्त 2021 में डीजल की बिक्री भी जुलाई 2021 की तुलना में 9.3% कम थी. इसकी वजह यह है कि मानसून के दौरान आवाजाही कम रहती है, जिससे डीजल की मांग प्रभावित हुई.

मार्च में, कोविड -19 की दूसरी लहर से ठीक पहले, ईंधन की मांग लगभग सामान्य स्तर पर पहुंच गई थी. मई में खपत में भारी गिरावट आई, जो कई राज्यों में लॉकडाउन और प्रतिबंधों के बीच अगस्त 2020 के बाद से सबसे कम है.

जून में कोविड -19 मामलों में गिरावट के साथ प्रतिबंधों में ढील के बाद, ईंधन की मांग फिर से बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं.

इंडस्ट्री ऑफिशियल का मानना है कि नवंबर में दिवाली तक डीजल की बिक्री प्री-कोविड स्तर तक पहुंच जाएगी, बशर्ते कि कोविड -19 की तीसरी लहर का कोई खतरा न हो.

हवाई यात्रा स्थगित होने के बाद, मार्च 2020 में ATF की खपत में सबसे भारी गिरावट देखी गई थी. मार्च में चालू वित्त वर्ष के अंत तक इसके सामान्य होने का अनुमान है.

मुख्य रूप से अप्रैल-जून 2020 में ट्रांसपोर्टेशन फ्यूल में भारी कमी के कारण, 2020 में भारत की तेल की मांग में प्रति दिन 0.5 मिलियन बैरल की कमी आई थी.

Published - September 2, 2021, 06:54 IST