Overseas Education Loan: विदेश में पढ़ाई के लिए स्टुडेंट लोन की इंक्वायरी में वृद्धि हुई हैं. TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर में स्कूल और कॉलेज फिर से खुल गए हैं और यात्रा प्रतिबंधों में ढील दी जा रही है, जिसके कारण शैक्षिक ऋण संस्थानों ने ओवरसीज एजूकेशन लोन की इंक्वायरी में उछाल देखा है. हालांकि, बैंकों ने शिक्षा ऋण वितरित किए जाने के मामले में वृद्धि नहीं देखी है.
HDFC क्रेडिला के MD & CEO अरिजीत सान्याल ने कहा, “पिछले वर्ष के पहली तिमाही की तुलना में Q1FY22 में विदेश में शिक्षा के लिए लोन के आवेदनों में 209% की वृद्धि हुई है. यह वृद्धि अमरिका, कनाडा, यूके और अन्य यूरोपीय देशों के लिए दिखी गई हैं.”
अमरीका ने पिछले महीने यात्रा करने वाले 55,000 भारतीय छात्रों और विनिमय आगंतुकों की रिकॉर्ड संख्या देखी. यूके में भी विभिन्न विश्वविद्यालयों में में रिकॉर्ड 3,200 छात्रों को स्वीकार किया गया है, यह पिछले वर्ष की तुलना में 19 प्रतिशत अधिक है.
एसबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि, कई कारकों ने इस परिवर्तन को प्रभावित किया है. वित्त वर्ष 2021 में उधार दरों में गिरावट आई है. विदेशों में प्रीमियर स्कूलों में पढाई करने के लिए मिलने वाले लोन का इंटरेस्ट रेट 0.50% कम हो गया हैं और यह 9.5% से शुरू होता है. लोन के टिकट साइज भी बढ़ गए हैं. पिछले साल, औसत टिकट साइज 30 लाख रुपये था, हालांकि अब यह 35 लाख रुपये है. इसे रुकी हुई मांग (pent up demand) का उदय भी कह सकते है.
150 करोड़ रुपये की बूक साइज वाली फिनटेक कंपनी Credenc के सह-संस्थापक मयंक बथेजा ने कहा, “हाल के महीनों में मांग दोगुनी से अधिक हो गई है. हम अमेरिका की तुलना में यूके, आयरलैंड, यूरोपीय संघ और सिंगापुर में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक छात्रों की संख्या में वृद्धि देख रहे हैं. हम पहली बार रूस और चेक गणराज्य में भी बढ़ती दिलचस्पी देख रहे हैं.” हालांकि, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने आधिकारिक तौर पर विदेशी छात्रों के लिए वीजा और यात्रा दिशानिर्देशों को संप्रेषित नहीं किया है. हम इस बारे में बहुत स्पष्ट नहीं हैं कि जर्मनी वर्तमान में विदेशी छात्रों को कैसे स्वीकार करेगा.”
अंतरराष्ट्रीय शिक्षा ऋण प्रदाता Prodigy Finance भारत को अपने सबसे तेजी से बढ़ते बाजार के रूप में देखता है. अगस्त 2021 तक, लोन में 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. Prodigy Finance के इंडिया हेड मयंक शर्मा कहते हैं, “ट्यूशन शुल्क में मामूली वृद्धि से प्रेरित, 30 लाख रुपये से शुरू होने वाले लोन के औसत टिकट साइज में 10-15% की वृद्धि हुई है.”