क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए अमेरिका ने भारत और अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के साथ मिलकर तेल के इमरजेंसी रिजर्व (Oil Reserves) को रिलीज करने का प्लान बनाया है. ऐसे में भारत भी अपने इमरजेंसी रिलीज से तेल रिलीज कर सकता है. दूसरे देशों के साथ मिलकर तेल रिलीज करने का अमेरिका का ये प्लान उन ऑयल प्रोड्यूसर्स को सीधा संकेत है जिन्होंने कृत्रिम रूप से ऑयल सप्लाई पर अंकुश लगा दिया है. हालांकि, तेल की मात्रा और रिलीज के समय पर अभी भी काम किया जा रहा है.
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक पेट्रोलियम और विदेश मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी बाइडेन प्रशासन के ऑयल रिलीज के आह्वान पर फैसला लेने के लिए सोमवार से काम कर रहे हैं. इस मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि रणनीतिक भंडार से तेल रिलीज करने के लिए फाइनल कॉल हाईएस्ट लेवल पर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जल्द ही इसे लेकर घोषणा हो सकती है.
चीन पहले से क्रूड ऑयल रिलीज करने की तैयारी कर रहा है, वहीं जापान अमेरिकी प्रस्ताव पर विचार कर रहा है. यदि चीन, जापान, भारत, दक्षिण कोरिया और अमेरिका एक साथ क्रूड ऑयल रिलीज पर सहमत होते हैं, तो यह ऑयल मार्केट के इतिहास में इस तरह का पहला उदाहरण होगा. मामले की जानकारी रखने वाले व्यक्ति ने कहा कि यह तेल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ नाराजगी की अभिव्यक्ति होगी.
प्रत्येक देश के रणनीतिक भंडार से ऑयल रिलीज की मात्रा बहुत बड़ी नहीं हो सकती है, लेकिन दुनिया के शीर्ष उपभोक्ताओं की सिंक्रनाइज़ कार्रवाई ओपेक+ को एक मजबूत संकेत देगी. ऑयल प्रड्यूसर्स के कार्टेल ने ऑयल डिमांड में तेजी से सुधार और बढ़ते दामों के बावजूद सप्लाई नहीं बढ़ाई है और इस पर अपना कंट्रोल बनाए रखा है. ब्रेंट क्रूड का भाव अभी 79.06 डॉलर के आस-पास चल रहा है.
इस महीने की शुरुआत में ओपेक+ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के आपूर्ति बढ़ाने के आह्वान को नजरअंदाज कर दिया था. इसी के बाद बाइडेन ने क्रूड ऑयल के प्रमुख उपभोक्ताओं से अपने रणनीतिक भंडार से तेल रिलीज करने में समन्वय करने का आग्रह किया. एनर्जी एक्सपर्ट्स का मानना है कि एक समन्वित रिलीज से कीमतें अस्थायी रूप से कम होने की पूरी-पूरी संभावना है.
भारत और अन्य देशों ने मुख्य रूप से आपूर्ति व्यवधानों को पूरा करने के लिए स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व बनाए हैं, न कि उच्च कीमतों से निपटने के लिए. भारत के पास कच्चे तेल का 5.33 मिलियन टन स्ट्रैटेजिक रिजर्व है. ये रिजर्व महामारी से पहले की भारत की तेल खपत के हिसाब से लगभग नौ दिनों के के लिए पर्याप्त है.