जुलाई-सितंबर के दौरान 89 फीसदी बढ़ी ऑफिस स्पेस लीजिंग, हैदराबाद सबसे आगे: रिपोर्ट

2021 की तीसरी तिमाही के दौरान आईटी शहरों हैदराबाद, बेंगलुरु और पुणे में सकल समावेश (ग्रॉस एब्सॉर्प्शन) 60 फीसदी तक पहुंच गया.

workplaces, Deloitte survey, work from home, Deloitte Global State, Consumer Tracker, consumption revival, Covid-19 cases, vaccination drive

कोरोना की दोनों डोज लगवाने के बाद जुलाई-सितंबर के दौरान 89 फीसदी बढ़ी ऑफिस स्पेस लीजिंग, हैदराबाद सबसे आगे: रिपोर्टकर्मचारियों के वर्कप्लेस पर लौटने और आवाजाही पर लगी पाबंदियां हटने के बाद ऑफिस मार्केट में तेजी आने के संकेत मिलने लगे हैं

कोरोना की दोनों डोज लगवाने के बाद जुलाई-सितंबर के दौरान 89 फीसदी बढ़ी ऑफिस स्पेस लीजिंग, हैदराबाद सबसे आगे: रिपोर्टकर्मचारियों के वर्कप्लेस पर लौटने और आवाजाही पर लगी पाबंदियां हटने के बाद ऑफिस मार्केट में तेजी आने के संकेत मिलने लगे हैं

भारत के टॉप-6 शहरों में जुलाई-सितंबर 2021 के दौरान ग्रॉस ऑफिस स्पेस (Office space) एब्सॉर्प्शन 10.3 मिलियन स्क्वायर फीट तक पहुंच गया. यह जनवरी-मार्च 2020 के बाद उच्चतम स्तर है. यह जानकारी कोलियर्स की एक रिपोर्ट में सामने आई है. दूसरी तिमाही में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान किराएदारों ने ऑफिस स्पेस लेने की धीमी शुरुआत की और होल्ड पर पड़ी डील पूरी कर लीं. इसके बाद दूसरी तिमाही से तीसरी तिमाही के बीच ओवरऑल एब्सॉर्प्शन 89 फीसदी तक पहुंच गया.

मुख्य निष्कर्ष

रिपोर्ट में सामने आया है कि देश के आईटी शहरों हैदराबाद, बेंगलुरु और पुणे में सकल समावेश (ग्रॉस एब्सॉर्प्शन) 60 फीसदी तक आंका गया. दरअसल, कोरोना की दोनों डोज लगवाने के बाद कर्मचारियों के वर्कप्लेस पर लौटने और आवाजाही पर लगी पाबंदियां हटने के बाद ऑफिस मार्केट में तेजी आने के संकेत मिलने लगे हैं.

कोलियर्स के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर इंडिया और मैनेजिंग डायरेक्टर मार्केट डिवेलपमेंट एशिया रमेश नायर ने बताया कि इस तिमाही से बाजार में बेहद जरूरी रौनक लौटी है. फ्लेक्सीबल वर्कस्पेस ऑपरेटर्स की डिमांड के आधार पर बड़े सौदे दोबारा होने लगे हैं. 2020 के मुकाबले किराएदार ज्यादा तेजी से फैसले ले रहे हैं.

उन्होंने उम्मीद जताई कि आगामी तिमाहियों में स्थिति और मजबूत हो सकती है. बशर्तें कोरोना की तीसरी लहर न आए. जो लोग नए अवसर तलाश रहे हैं, उन्होंने नई जगह की तलाश भी शुरू कर दी है. उन्होंने बताया कि अप्रैल-जून के दौरान कमजोर प्रदर्शन के बाद हैदराबाद सॉलिड डिमांड और सप्लाई वाला शहर बनकर सामने आया. इसके बाद हैदराबाद ने 2.5 मिलियन वर्ग फुट शेयर के साथ लीजिंग वॉल्यूम के मामले में पहली बार बेंगलुरू को पीछे छोड़ दिया. दरअसल, किराएदारों ने बड़े पैमाने पर समझौते किए. यहां तक कि पूरी इमारत भी पट्टे पर देने की मांग की.

हैदराबाद की कुल लीज वॉल्यूम डिमांड में बीएफएसआई और फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस सेक्टर की हिस्सेदारी 66 फीसदी रही. लीजिंग की मांग में राय दुर्ग की हिस्सेदारी 53 फीसदी और हाइटेक सिटी की 40 फीसदी रही.

फ्लेक्सीबिलिटी की जरूरत

रिपोर्ट में सामने आया कि लगभग सभी शहरों में मैनेज्ड वर्कस्पेस के लिए कॉर्पोरेट्स की दिलचस्पी बढ़ी है. इसके तहत फ्लेक्सीबल वर्कस्पेस ऑपरेटर्स ने एक लाख वर्ग फुट से बड़ी जगह के लिए सौदे किए. फ्लेक्सीबल वर्कस्पेस के मामले में हैदराबाद के बाद पुणे में सबसे ज्यादा डिमांड है.

इसके अतिरिक्त तीसरी तिमाही में मौजूदा आर्थिक तेजी के चलते किराएदारों की डिमांड मैनेज्ड स्पेस और शॉर्ट टर्म लीज के लिए बढ़ गई, जिसके चलते लीजिंग में फ्लेक्सीबल वर्कस्पेस ऑपरेटर्स का शेयर बढ़ गया. ऐसे में 2021 की तीसरी तिमाही के दौरान कार्ययोग्य वर्कस्पेस के लिए किराएदारों की डिमांड 26 फीसदी बढ़ गई.

2021 की तीसरी तिमाही में सप्लाई 10.8 मिलियन वर्ग फुट तक पहुंच गई, जो 2020 की दूसरी तिमाही के बाद सबसे ज्यादा है. इसमें हैदराबाद और पुणे का शेयर 29 फीसदी और 25 फीसदी है.

Published - October 23, 2021, 11:23 IST