अब दिल्ली और प. बंगाल के लोगों को भी मिलेगा ‘वन नेशन-वन राशन कार्ड’ योजना का लाभ

आपका परिवार बाकी का राशन अपने निवास स्थान पर ले सकता है यानि इसके माध्यम से आपका राशन कार्ड पोर्टेबल हो जायेगा.

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निकटतम उचित मूल्य की दुकान का पता लगाने की सुविधा के माध्यम से, प्रवासी लाभार्थी आसानी से नए क्षेत्र में दुकानें ढूंढ सकते हैं और खाद्यान्न संबंधी लाभ प्राप्त करने के लिए निकटतम उचित मूल्य की दुकान तक पहुंचने के लिए मानचित्र का अनुसरण कर सकते हैं

निकटतम उचित मूल्य की दुकान का पता लगाने की सुविधा के माध्यम से, प्रवासी लाभार्थी आसानी से नए क्षेत्र में दुकानें ढूंढ सकते हैं और खाद्यान्न संबंधी लाभ प्राप्त करने के लिए निकटतम उचित मूल्य की दुकान तक पहुंचने के लिए मानचित्र का अनुसरण कर सकते हैं

One Nation-One Ration Card: कोई भी शख्स जब कामकाज की तलाश में किसी दूसरी जगह जाता है तो सबसे पहला ख्याल उसके दिमाग में आता है, वह है खाद्यान्न, राशन, लेकिन निश्चिंत हो जाइये, वन नेशन वन राशन कार्ड से आप अपनी राशन की दुकान बदल सकते हैं. अपने हिस्से का कुछ राशन आप अपनी काम की जगह ले सकते हैं, जबकि आपका परिवार बाकी का राशन अपने निवास स्थान पर ले सकता है यानि इसके माध्यम से आपका राशन कार्ड पोर्टेबल हो जायेगा. अभी तक यह योजना दिल्ली और प. बंगाल को छोड़कर देश के 32 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में चल रही थी. अब खुशी की बात है कि दिल्ली और प. बंगाल के लोग भी इस योजना का फायदा ले सकेंगे.

क्या है ‘एक देश, एक राशन कार्ड योजना’

‘एक देश, एक राशन कार्ड’ (ओएनओआरसी) एक महत्वाकांक्षी योजना है और सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 (एनएफएसए) के तहत कवर किए जाने वाले सभी लाभार्थियों, चाहे वो देश में भौतिक रूप से कहीं भी रह रहे हों, को सब्सिडी वाली खाद्य-सुरक्षा संबंधी पात्रताओं का निर्बाध वितरण सुनिश्चित करने का एक प्रयास है.

इस कार्यक्रम का उद्देश्य एनएफएसए के सभी लाभार्थियों को उनके मौजूदा राशन कार्ड की पोर्टेबिलिटी के जरिए किसी भी ईपीओएस (इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सेल डिवाइस) से चलने वाली उचित मूल्य की दुकान से लेने की सुविधा दी गई है. इसके अलावा, उनके परिवार के सदस्य भी वापस अपने घरों पर उसी राशन कार्ड पर शेष बचे हुए/अपनी जरूरत भर खाद्यान्न ले सकते हैं. सरकार ने इसके लिए एक मोबाईल एप भी लॉन्च किया है.

मेरा राशन एप मार्च में हुआ था लॉन्च

राशन कार्ड धारकों के लिए उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा 12 मार्च को ‘मेरा राशन एप’ लॉन्च किया गया है. यह एप भारत सरकार द्वारा शुरू की गई “वन नेशन वन राशन कार्ड योजना” का हिस्सा है. इसके जरिए राशन कार्ड होल्डर्स अपने पास की सरकारी राशन की दुकान का आसानी से पता लगा सकते हैं. इसके अलावा यूजर्स अपने पात्रता और हाल ही में किए गए लेन-देन का डिटेल भी देख सकेंगे. इस एप का फायदा 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मिल रहा था, जो अब बढ़कर 34 हो गए हैं. इस एप की मदद से यह भी जानकारी मिलेगी की उपभोक्ता ने कब-कब और किस दुकान से राशन लिया है. इस सुविधा का लाभ लेने के लिए सबसे पहले यूजर को अपने मोबाइल फोन के प्ले स्टोर में जाकर मेरा राशन एप डाउनलोड करना होगा.

एप के हुए 15 लाख से अधिक डाउनलोड

‘मेरा राशन’ ऐप को लॉन्च होने के बाद से, गूगल प्ले स्टोर पर इसके 15 लाख से अधिक डाउनलोड दर्ज किए जा चुके हैं. इस ऐप को विभाग द्वारा केन्द्रीय एनआईसी यूनिट के तकनीकी सहयोग से विकसित किया गया है. इसमें टीपीडीएस/ओएनओआरसी से जुड़ी कई उपयोगी जानकारी और सुविधाएं प्रदान की गई हैं. बेहतर पहुंच और अधिकतम लाभ की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से, यह ऐप 12 भाषाओं – अंग्रेजी, हिंदी, उड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, उर्दू, गुजराती, मराठी और बांग्ला – में भी उपलब्ध हो चुका है. एंड्रॉयड का इस्तेमाल करने वाले लोग इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर से मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं.

यह ऐप लाभार्थियों को निम्नलिखित मुख्य सेवाएं प्रदान करता है

केंद्रीय स्तर से इस ऐप को बढ़ावा देने के अलावा, सभी राज्यों/केन्द्र – शासित प्रदेशों से इस मोबाइल ऐप के बारे में व्यापक प्रचार करने और जागरूकता फैलाने का भी अनुरोध किया गया है. इस ऐप की परिकल्पना ओएनओआरसी के तहत पोर्टेबिलिटी संबंधी लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए की गई है, क्योंकि यह एप्लिकेशन प्रवासी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के लाभार्थियों के लिए आसानी से उनकी पात्रता संबंधी विवरण, उनके हाल के लेनदेन के विवरण, आधार सीडिंग की स्थिति और राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी के लिए पात्रता की जांच करने के अलावा ओएनओआरसी के लिए स्वैच्छिक पंजीकरण भी करा सकने की दृष्टि से बेहद उपयोगी है. निकटतम उचित मूल्य की दुकान का पता लगाने की सुविधा के माध्यम से, प्रवासी लाभार्थी आसानी से नए क्षेत्र में दुकानें ढूंढ सकते हैं और खाद्यान्न संबंधी लाभ प्राप्त करने के लिए निकटतम उचित मूल्य की दुकान तक पहुंचने के लिए मानचित्र का अनुसरण कर सकते हैं.

अगले कुछ महीनों में दो राज्य और जुड़ सकते हैं इस योजना से

‘एक देश, एक राशन कार्ड’ (ओएनओआरसी) के तहत, जोकि दिसंबर 2020 तक 32 राज्यों / केन्द्र – शासित प्रदेशों में सफलतापूर्वक चल रहा था, अब दो और राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों-दिल्ली और पश्चिम बंगाल में अगस्त 2021 तक चालू हो गया है, जिससे लगभग 75 करोड़ लाभार्थियों (लगभग 94.3 प्रतिशत एनएफएसए आबादी) को कवर करते हुए इस योजना का विस्तार अब 34 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में हो गया है. शेष दो राज्यों-असम और छत्तीसगढ़ को अगले कुछ महीनों में ओएनओआरसी के तहत एकीकृत करने के लिए लक्षित किया गया है.

हर माह 2.2 करोड़ पोर्टेबिलिटी लेनदेन हो रहे हैं

वर्तमान में इच्छित लाभार्थियों, ज्यादातर प्रवासी, को लचीलेपन के साथ कहीं भी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत मिलने वाले सब्सिडी खाद्यान्न वितरित करने के लिए राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों में पोर्टेबिलिटी लेनदेन हो रहे हैं. औसतन हर महीने लगभग 2.2 करोड़ पोर्टेबिलिटी से जुड़े लेनदेन लगातार दर्ज किए जा रहे हैं.

पीडीएस में किया जा रहा है सुधार

देश में टीपीडीएस संचालन के एंड-टू-एंड कम्प्यूटरीकरण के तहत पीडीएस सुधारों को अगले स्तर पर ले जाने के क्रम में, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने अप्रैल 2018 से ‘सार्वजनिक वितरण प्रणाली का एकीकृत प्रबंधन (आईएम-पीडीएस)’ नामक एक योजना शुरू की थी. इसयोजना के एक अभिन्न अंग के रूप में एनएफएसए के तहत राशन कार्डों की राष्ट्रव्यापी पोर्टेबिलिटी के लिए एक तकनीक आधारित सुधार शुरू किए गए. यह योजना 127.30 करोड़ रुपये के कुल खर्चे के साथ लागू की जा रही है और वर्तमान में, इस योजना की वैधता को कुल परियोजना लागत में वृद्धि किए बिना 31 मार्च 2022 तक के बढ़ा दिया गया है.

80 करोड़ लोगों को मिलेगी सहायता

यह सही है कि ओएनओआरसी की सुविधा से देश के सभी 80 करोड़ एनएफएसए लाभार्थियों को अपनी पसंद के किसी भी एफपीएस से खाद्यान्न उठाने में समान रूप से लाभ होगा, लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य प्रवासी एनएफएसए लाभार्थियों (ज्यादातर मजदूर, दिहाड़ी मजदूर, कचरा बीनने वाले, सड़क पर रहने वाले, संगठित एवं असंगठित क्षेत्रों के अस्थायी कर्मचारी, घरेलू कामगार, आदि जैसे शहरी गरीबों), जोकि बेहतर अवसरों की तलाश में या किसी अन्य कारणों से देश भर में जाना पड़ता हैं. गहरे प्रभाव वाले इस कार्यक्रम के प्रचार और इसके बारे में जागरूकता फैलाने की जिम्मेदारी संबंधित राज्यों / केन्द्र – शासित प्रदेशों की सरकार को सौंपी गई है, क्योंकि टीपीडीएस के तहत लाभार्थियों की पहचान और उन्हें खाद्यान्न वितरण की जिम्मेदारी राज्यों / केन्द्र – शासित प्रदेशों की है.

योजना के प्रति जागरूकता के लिए चलाया जा रहा है अभियान

विभाग अपने ट्वीटर और यूट्यूब पर सोशल मीडिया हैंडल के जरिए ओएनओआरसी के बारे में प्रचार करने की दिशा में नियमित रूप से प्रयास कर रहा है. इसके अलावा, विभाग द्वारा बीओसी के जरिए 167 एफएम रेडियो और 91 सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के माध्यम से प्रधानमंत्री के संदेश को प्रसारित करने वाले एक रेडियो आधारित प्रचार अभियान (हिंदी और 10 अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में) चलाया गया. भारतीय रेलवे के सहयोग से प्रवासी आबादी, जोकि ज्यादातर ‘श्रमिक स्पेशल’ सहित ट्रेनों के माध्यम से यात्रा करते हैं, को इस बारे में जागरूक बनाने के उद्देश्य से देश में 2,400 से अधिक रेलवे स्टेशनों पर ऑडियो स्पॉट की घोषणा और ऑडियो/विजुअल (ए/वी) स्पॉट के प्रदर्शन के जरिए एक विशेष अभियान भी चलाया जा रहा है. इसके अतिरिक्त, विभाग ओएनओआरसी के तहत कुछ राज्यों/केंद्र -शासित प्रदेशों में चलाए जाने वाले राज्य परिवहन की बसों में बस रैप्स के माध्यम से ओएनओआरसी कार्यक्रम का प्रचार भी शुरू कर दिया है.

सहायता के लिए ये टोल फ्री नंबर है उपलब्ध

इसके अलावा, सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से ओएनओआरसी अभियान और राशन कार्डों की पोर्टेबिलिटी से संबंधित मामलों आदि के बारे में से जुड़ी सूचना प्रदान करने के लिए एक समर्पित 14445 टोल-फ्री नंबर शुरू करने का अनुरोध किया गया है. इसके समानांतर में, एनआईसी के सहयोग से विभाग द्वारा ओएनओआरसी के तहत प्रवासी लाभार्थियों के पंजीकरण के लिए एक वेब- आधारित सुविधा और प्रवासी लाभार्थियों को विभिन्न प्रकार की उपयोगी जानकारी और सहायता प्रदान करने के लिए एक मोबाइल एप्लिकेशन को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है.

Published - October 5, 2021, 03:16 IST