देश से चावल निर्यात पर लगाई गई पाबंदियों का असर इसके निर्यात पर पड़ा है. वित्तवर्ष 2023-24 के पहले 8 महीने यानि अप्रैल से नवंबर 2023 के दौरान देश से गैर बासमती चावल के निर्यात में करीब 39 लाख टन की कमी आई है, एक्सपोर्ट करीब 34 फीसद घटकर 76.92 लाख टन दर्ज किया गया है. वित्तवर्ष 2022-23 में इस दौरान देश से 115.70 लाख टन गैर बासमती चावल का एक्सपोर्ट हो गया था.
गैर बासमती चावल में सरकार ने पिछले साल टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था, उसके बाद इस साल सेला चावल को छोड़ सभी तरह के गैर बासमती चावल का निर्यात रोक दिया गया. सेला चावल के निर्यात पर भी इस साल 20 फीसद टैक्स लगाया गया है. चावल निर्यात पर लगी इन पाबंदियों की वजह से इसका निर्यात प्रभावित हुआ है.
फिलहाल देश से गैर बासमती चावल में सिर्फ सेला चावल का ही एक्सपोर्ट हो रहा है. अप्रैल से नवंबर 2023 के दौरान देश से 48.29 लाख टन सेला चावल का एक्सपोर्ट दर्ज किया गया है, जबकि वित्तवर्ष 2022-23 में इस दौरान 50.67 लाख टन सेला चावल का एक्सपोर्ट दर्ज किया गया था. भारत से सेला चावल का अधिकतर एक्सपोर्ट अफ्रीकी देशों को होता है.
इस साल मात्रा के आधार पर गैर बासमती चावल के निर्यात में तो करीब 34 फीसद की गिरावट आई है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में चावल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी की वजह से मूल्य के आधार पर एक्सपोर्ट इतना नहीं घटा है. वित्तवर्ष 2022-23 के दौरान अप्रैल से नवंबर में 4.1 अरब डॉलर का गैर बासमती चावल एक्सपोर्ट हुआ था, और इस साल यह आंकड़ा 3.07 अरब डॉलर का है.
सरकार ने इस साल बासमती चावल के निर्यात पर भी न्यूनतम निर्यात मूल्य की शर्त लगाई हुई है, लेकिन इसके बावजूद देश से बासमती चावल के एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी देखने को मिली है, अप्रैल से नवंबर के दौरान देश से करीब 30 लाख टन बासमती चावल का एक्सपोर्ट हो चुका है जबकि वित्तवर्ष 2022-23 में इस दौरान यह आंकड़ा 27.32 लाख टन था.