लघु, मझोली कंपनियों पर एनएफआरए का कोई क्षेत्राधिकार नहीं : आईसीएआई

मझोली कंपनियों पर कोई क्षेत्राधिकार नहीं है और लेखा व्यवस्था कॉरपोरेट प्रशासन में कमियों के जोखिम को कम करने में मदद करती है.

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चार्टर्ड अकाउंटेंट को ऑडिट करते समय ऑडिटिंग और अन्य जरूरी मानकों का पालन करना होता है

चार्टर्ड अकाउंटेंट को ऑडिट करते समय ऑडिटिंग और अन्य जरूरी मानकों का पालन करना होता है

चार्टर्ड अकाउंटेंट की शीर्ष संस्था (ICAI) ने रविवार एनएफआरए की कुछ सिफारिशों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि नियामक के पास सूक्ष्म, लघु और मझोली कंपनियों पर कोई क्षेत्राधिकार नहीं है और लेखा व्यवस्था कॉरपोरेट प्रशासन में कमियों के जोखिम को कम करने में मदद करती है.

भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (ICAI) ने यह भी कहा ‘‘ऑडिट की गुणवत्ता और उसकी लागत के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है, जैसा कि एनएफआरए के परामर्श पत्र में कहा गया है, क्योंकि चार्टर्ड अकाउंटेंट को ऑडिट करते समय ऑडिटिंग और अन्य जरूरी मानकों का पालन करना होता है.’’

राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) ने सूक्ष्म, लघु और मझोली कंपनियों (एमएसएमसी) के लिए वैधानिक लेखा और ऑडिट मानकों पर एक परामर्श पत्र जारी किया था, जिसके करीब दो सप्ताह के भीतर आईसीएआई के अध्यक्ष निहार एन जंबुसरिया की ताजा टिप्पणी आई है.

परामर्श पत्र में एनएफआरए ने कहा कि सभी कंपनियों के लिए उनके आकार और/या सार्वजनिक हित के मद्देजनर अनिवार्य वैधानिक लेखा परीक्षा की जरूरत पर फिर से विचार करना उचित है. परामर्श पत्र पर 10 नवंबर तक सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी गई हैं.

इस संबंध में जंबुसरिया ने कहा कि एनएफआरए का एमएसएमसी पर क्षेत्राधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि यह कहना उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है कि किसी विशेष वर्ग की कंपनियों के ऑडिट की जरूरत है या नहीं.

Published - October 10, 2021, 02:57 IST