नई ड्रोन पॉलिसी लॉन्चः कार्गो डिलीवरी के लिए बनेंगे ड्रोन कॉरिडोर, PM मोदी ने बताया ऐतिहासिक

कार्गो डिलीवरी के लिए ड्रोन कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे. ड्रोन कैसे ज्यादा तरीके से देश में संचालित हों इसके लिए एक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा.

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आज हम संतोष से कह सकते हैं कि आजादी के आंदोलन में जो गौरव खादी को था, हमारी युवा पीढ़ी खादी को वो गौरव दे रही है

आज हम संतोष से कह सकते हैं कि आजादी के आंदोलन में जो गौरव खादी को था, हमारी युवा पीढ़ी खादी को वो गौरव दे रही है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई ड्रोन पॉलिसी को भारत में इस क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक क्षण की शुरुआत बताया है. यही नहीं पीएम मोदी ने इस संबंध में गुरुवार को सिलसिलेवार ट्वीट किए और कहा कि नए ड्रोन नियमों से स्टार्टअप्स और इस क्षेत्र में काम करने वाले हमारे युवाओं को काफी मदद मिलेगी. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने ‘नए ड्रोन नियम 2021’ को गुरुवार को पारित कर दिया है. इसके साथ ही अब ड्रोन उड़ाने को लेकर नियम बदल गए हैं.

सरकार का इरादा ड्रोन के जरिए सामानों की डिलीवरी में तेजी से आगे बढ़ने का है. नए नियमों के मुताबिक, कार्गो डिलीवरी के लिए ड्रोन कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे. यानी ड्रोन कैसे ज्यादा तरीके से देश में संचालित हो और कैसे ड्रोन की आवाजाही को सरल बनाया जाए इसके लिए मूलभूत आधार संरचनाओं में भी अब फेरबदल किया जाएगा. ड्रोन कॉरिडोर इसके लिए विकसित किए जाएंगे ताकि ड्रोन का परिसंचालन आसानी से किया जा सके.

इस क्षेत्र में काम कर रहे युवाओं की होगी काफी मदद

पीएम मोदी ट्वीट में लिखते हैं, “नए ड्रोन नियम भारत में इस क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक क्षण की शुरुआत है. ये नए नियम विश्वास और स्व-प्रमाणन पर आधारित हैं. अब अनुमोदन, अनुपालन आवश्यकताओं और प्रवेश बाधाओं को काफी कम कर दिया गया है.”

इसके आगे उन्होंने कहा, “नए ड्रोन नियम इस क्षेत्र में काम करने वाले स्टार्ट-अप और हमारे युवाओं की काफी मदद करेंगे. यह नवाचार और व्यापार के लिए नई संभावनाएं खोलेगा. यह भारत को ड्रोन हब बनाने के लिए नवाचार, प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग में भारत की ताकत का लाभ उठाने में मदद करेगा.”

ड्रोन उड़ाने को लेकर बदले नियम

भारी पेलोड ले जाने वाले ड्रोन और ड्रोन टैक्सियों को शामिल करने के लिए ड्रोन नियम, 2021 के तहत ड्रोन का कवरेज 300 किलोग्राम से बढ़ाकर 500 किलोग्राम कर दिया गया है. फॉर्म अथवा अनुमति की संख्या 25 से घटाकर 5 कर दी गई है. किसी भी पंजीकरण या लाइसेंस जारी करने से पहले किसी सुरक्षा मंजूरी की आवश्यकता नहीं है.

क्या कहती है भारत की नई ड्रोन नीति ?

– ड्रोन के ट्रांसफर और डी-रजिस्ट्रेशन के लिए निर्धारित प्रक्रिया आसान की गई है यानि व्यावसायिक हितों के लिए अब इसकी सुलभता को ज्यादा आसान और सरल बनाया गया है. पेपर वर्क आसान होगा.

– डीजीएफटी द्वारा ड्रोन के आयात को नियंत्रित किया जाएगा. हालांकि इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी. डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड के तहत ही इसके व्यापार और आयात संबंधित जो गतिविधियां होंगी वे संचालिंत होंगी.

– मानव रहित विमान प्रणाली संवर्धन परिषद की स्थापना की जाएगी. ज्यादा से ज्यादा तकनीक के माध्यम से इसके संचालन को और ज्यादा मजबूत बनाया जाएगा.

– किसी भी पंजीकरण या लाइसेंस जारी करने से पहले सुरक्षा मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी. दरअसल, सरकार का जोर ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर है. इसी के तहत व्यावसायिक और गैर व्यावसायिक गतिविधियों के तहत इसमें भी जो पूरी प्रक्रिया है, उसे आसान किया गया है.

– कार्गो डिलीवरी के लिए ड्रोन कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे. यानी ड्रोन कैसे ज्यादा तरीके से देश में संचालित हो और कैसे ड्रोन की आवाजाही को सरल बनाया जाए इसके लिए मूलभूत आधार संरचनाओं में भी अब फेरबदल किया जाएगा. ड्रोन कॉरिडोर इसके लिए विकसित किए जाएंगे ताकि ड्रोन का परिसंचालन आसानी से किया जा सके.

– ड्रोन नियम, 2021 के तहत अधिकतम जुर्माना घटाकर 1 लाख रुपये किया गया है. यह इसलिए किए गया है ताकि आम आदमी के लिए ड्रोन की सुलभता सरल हो सके.

– इसके अलावा सभी ड्रोन का ऑनलाइन पंजीकरण डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म के माध्यम से होगा. किसी भी तरह के रजिस्ट्रेशन या फिर लाइसेंस के लिए अब सिक्योरिटी क्लीयरेंस की जरूरत अब नहीं होगी.

– साथ ही साथ गैर-व्यावसायिक उपयोग के लिए नैनो ड्रोन और माइक्रो ड्रोन के संचालन के लिए किसी पायलट लाइसेंस की अब आवश्यकता नहीं होगी.

Published - August 26, 2021, 05:45 IST